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मथुरा में रंग बरसने लगे, बरसाना में लठमार से मच रही धूम

ब्रज में रंग और उमंग के अनूठे त्यौहार होली का आनंद फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि वसंत पंचमी के दिन से ही बिखरने लगता है किंतु फाल्गुन शुक्ल नवमी के दिन बरसाना की लठमार होली से वह आनंद मानों परवान चढ़ जाता है। उसके बाद तो फिर होलिका दहन के दस दिन बाद तक रंगों की धूम मची रहती है।
मथुरा में रंग बरसने लगे,  बरसाना में लठमार से मच रही धूम

बरसाना के लाडिली जी मंदिर के सेवायत उमाशंकर गोस्वामी ने बताया, बरसाना में इस वर्ष लठमार होली का आयोजन सोमवार को किया गया। गोस्वामी समाज तथा पुलिस-प्रशासन द्वारा की जा रही सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं।

नन्दगांव के सेवायत सुशील गोस्वामी ने बताया, नवमी के दिन राधारानी के बुलावे पर नन्दगांव के हुरियार जहां बरसाना में होली खेलने जाते हैं, वहीं बरसाना के हुरियार नन्दगांव की हुरियारिनों से होली खेलने दशमी के दिन 7 मार्च नन्दगांव आते हैं। तब नन्द चौक पर होली के रसिया गायन के बीच धमाधम लठमार होली होती है।

रंगभरनी एकादशी के दिन इस बार 8 मार्च से वृन्दावन के विश्वप्रसिद़ध ठा.बांकेबिहारी मंदिर में भी रंगों की होली होने लगती है। मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा तथा उमेश सारस्वत ने बताया, इस मौके पर ठाकुर जी वर्ष में केवल एक बार जगमोहन में पधारकर भक्‍तों को दर्शन देते हैं तथा रंगों की होली का आनंद लेते हैं।

इसी दिन वृन्दावन के सभी बाजारों में से होकर ठा. राधावल्लभ लाल के चल विग्रह का हाथी पर डोला पारंपरिक रूप में निकाला जाता है और मथुरा में भगवान के जन्मस्थान के लीलामंच एवं प्रांगण में होली के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अगले दिन यानी 9 मार्च को गोकुलवासी होली खेलेंगे, तो 13 मार्च को फाल्गुन उत्तर नक्षत्र की उपस्थिति में मथुरा के ठा. द्वारिकाधीश मंदिर से ठाकुरजी का डोला निकाला जाएगा, तो शहर के सभी प्रमुख बाजारों में होता हुआ वहीं पहुंचकर यात्रा पूर्ण करेगा।

बलदेव के दाजी एवं माता रेवती मंदिर के रिसीवर रामकटोर पाण्डेय ने बताया, चैत्र कृष्ण पक्ष द्वितीया के दिन मनाया जाने वाला दाजी का हुरंगा इस वर्ष 14 मार्च को मनाया जाएगा। इसी दिन कोसीकलां के निकट जाब गांव में भी हुरंगा मनाया जाएगा और अगले दिन उसके निकटवर्ती बठैन गांव में मनाया जाएगा। भाषा

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