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कम आरटीआई आवेदन के बाद बोले अमित शाह- सरकार स्वयं सूचनाएं पब्लिक डोमेन में रखना चाहती है

गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सूचना आयोग के 14वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि केंद्र...
कम आरटीआई आवेदन के बाद बोले अमित शाह- सरकार स्वयं सूचनाएं पब्लिक डोमेन में रखना चाहती है

गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सूचना आयोग के 14वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि केंद्र सरकार सभी सूचनाएं सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि लोगों को आरटीआई के जरिए जानकारी मंगाने की जरूरत न पड़े और लोग कम संख्या में आवेदन करें।

हालांकि स्टेट ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के मुताबिक, आरटीआई लागू होने के बाद अब तक आवेदकों की संख्या पहले ही काफी कम है। इस रिपोर्ट में आरटीआई की कई कमियों की तरफ ध्यान दिलाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक कुल 3,02,656 करोड़ लोगों ने आरटीआई दाखिल किया है जो कि कुल जनसंख्या का 2.25 फीसदी है।

हम सभी जानकारी पब्लिक डोमेन में रखना चाहते हैं

अमित शाह ने कहा कि सभी देश आरटीआई कानून बनाने के बाद शांत हो गए। उन्हें लगता है कि इसके बाद उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है, लेकिन हमारी सरकार ऐसा नहीं सोचती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा प्रशासन देना चाहते हैं जिसमें आरटीआई का इस्तेमाल कम से कम हो। किसी को भी आरटीआई के तहत आवेदन करने की आवश्यकता न पड़े। हम सभी तरह की जानकारी पब्लिक डोमेन में रखना चाहते हैं।

जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए आरटीआई जरूरी

उन्होंने कहा, '2005 में जब आरटीआई कानून अस्तित्व में आया था, तब लोगों और प्रशासन के बीच खाई को पाटने की कोशिश की गई। सरकार की कार्यप्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए आरटीआई एक्ट आवश्यक है।' 

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