ये दावे वित्तीय सलाहकार फर्म अर्थयंत्र की सालाना रिपोर्ट में किए गए हैं। इसने 'बाय वर्सेज रेंट रिपोर्ट' जारी की। इसमें देश के 12 बड़े शहरों इंदौर,जयपुर, मुंबई, पुणे, दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता, बैंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई, कोच्ची और लखनऊ के रहन-सहन और स्टेटस की जानकारी साझा की गई।
औसत देखें तो देश के प्रमुख शहरों में मकान की कीमत गत वर्ष के मुकाबले 3.6% बढ़ी। इस दौरान किराया4.9% बढ़ा है। अगले साल यही रुझान बने रहने का अनुमान है। अर्थयंत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन व्याकरणम ने बताया कि खरीदने और किराए पर लेने के लिए इंदौर दूसरा सबसे किफायती शहर है। पहले नंबर पर हैदराबाद है।
जिसकी वार्षिक आय 9 लाख या उससे अधिक है। वह इंदौर में आसानी से घर खरीद सकता है। इसी तरह राजस्थान का जयपुर निवेश के मामले में देश के पसंदीदा शहरों में से एक है। रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर जयपुर में किराया कम है। अहमदाबाद को घर खरीदने और किराए, दोनों मामले में किफायती पाया गया। जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपए से अधिक है वे अहमदाबाद में घर खरीदने के बारे में सोच सकते हैं। एक साल में घर खरीदना 3.6 प्रतिशत और किराया 4.9 प्रतिशत बढ़ा है।
देश का सबसे महंगा शहर मुंबई है। यहां घर के दाम में 0.42% गिरावट, किराया 26% बढ़ा है। सालाना 25 लाख रु आमदनी वाले भी यहां मकान नहीं खरीद सकते।
दिल्ली-एनसीआर के मकानों की कीमतों में पिछले साल की तुलना में 29% तक की गिरावट देखी गई, किराया 7.67% कम हुआ। इसके बावजूद यह दूसरा सबसे महंगा शहर।
जयपुर निवेश के लिए पसंदीदा शहरों में से एक। किराया भी कम है। जिनकी वार्षिक आय 11 लाख से अधिक है,वे यहां घर खरीदने की सोच सकते हैं।