AN-32 विमान हादसे के करीब दस दिन बाद आज यानी गुरुवार सुबह क्रैश साइट पर वायुसेना की सर्च टीम को विमान में सवार कोई भी यात्री जीवित नहीं मिला है। इसके बारे में सेना ने सभी 13 यात्रियों के परिवारों को सूचना दे दी है। वायुसेना ने जान गंवाने वाले सभी यात्रियों को श्रद्धांजलि दी है। सभी यात्रियों के मृत शरीर और ब्लैक बॉक्स मिल गए हैं और उन्हें हेलीकॉप्टर की मदद से क्रैश साइट से लाया जाएगा।
3 जून को असम के जोरहाट से उड़े AN-32 का मलबा 11 जून को अरुणाचल प्रदेश के टेटो इलाके के पास मिला था। इसके बाद क्रैश साइट पर पहुंचने की कोशिश की जा रही थी लेकिन मौसम खराब होने के कारण सर्च टीम पहुंच नहीं पा रही थी। बुधवार को 15 पर्वतारोहियों को एमआई-17s और एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) से लिफ्ट करके मलबे वाली जगह के नजदीक तक पहुंचाया गया।
भारतीय वायुसेना का ट्वीट
भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। ट्वीट करते हुए भारतीय वायुसेना ने कहा- आठ सदस्यों का बचाव दल क्रैश साइट पर पहुंच गया है, जहां उन्हें कोई भी जीवित शख्स नहीं मिला है। एएन-32 विमान में सवार रहे सभी 13 कर्मियों के परिजनों को किसी के भी जीवित नहीं मिलने की सूचना दी जा चुकी है। क्रैश में जान गंवाने वाले बहादुर वायुयोद्धाओं को वायुसेना की श्रद्धांजलि।
इन लोगों ने गंवाई जान
जीएम चार्ल्स, एच विनोद, आर थापा, ए तंवर, एस मोहंती, एमके गर्ग, केके मिश्रा, अनूप कुमार, शेरिन, एसके सिंह, पंकज, पुताली और राजेश कुमार
चीन की सीमा के पास आखिरी लोकेशन
जोरहाट से चीन की सीमा के पास अरुणाचल के मेंचुका के लिए उड़ान भरने वाला वायुसेना का एएन-32 विमान 3 जून दोपहर करीब एक बजे लापता हो गया था। इस विमान की आखिरी लोकेशन अरुणाचल के पश्चिम सियांग जिले में चीन की सीमा के पास मिली थी। एयररूट से 15 से 20 किलोमीटर दूर अरुणाचल प्रदेश के टेटो इलाके के पास घने जंगल में विमान का मलबा मिला।
मंगलवार को दिखा एएन-32 का मलबा
भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 का मलबा गत मंगलवार दोपहर को देखा गया जब भारतीय वायुसेना, सेना और नागरिक प्रशासन की संयुक्त टीमों ने क्षेत्र में हवाई सर्वे किया।
1980 में शामिल हुआ था एएन-32 विमान
सोवियत एरा का यह एयरक्राफ्ट 1980 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इसे लगातार अपडेट किया गया। हालांकि लापता प्लेन एएन-32 इन अपग्रेडेड एयरक्राफ्ट का हिस्सा नहीं है।
2016 में भी लापता हुआ था विमान
तीन साल पहले 22 जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना का एयरक्राफ्ट एएन-32 लापता हो गया था। इसमें 29 लोग सवार थे। एयरक्राफ्ट चेन्नई से पोर्ट-ब्लेयर की ओर जा रहा था। बंगाल की खाड़ी के बाद इसका संपर्क टूट गया।
इसलिए खास है ये विमान
रूस में निर्मित एएन-32 गर्मी और कठिन स्थितियों में अपनी बेहतरीन उड़ान भरने की क्षमता और सैन्य परिवहन के रूप में उपयोग होने वाले विमान के रूप में जाना जाता है। दो इंजन वाले इस विमान का इस्तेमाल मुख्य रूप से माल परिवहन, स्काइड्राइवर, पैराट्रुारों सहित यात्रियों को लाने ले जाने और युद्ध में भी किया जाता है।