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सामाजिक न्याय और अधिकार के लिए लड़ना अगर गुनाह हैं तो मैं गुनहगार हूं: हार्दिक पटेल

2015 के विसनगर दंगा मामले में गुजरात कोर्ट द्वारा बुधवार को पाटीदार कोटा आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को...
सामाजिक न्याय और अधिकार के लिए लड़ना अगर गुनाह हैं तो मैं गुनहगार हूं: हार्दिक पटेल

2015 के विसनगर दंगा मामले में गुजरात कोर्ट द्वारा बुधवार को पाटीदार कोटा आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को दोषी ठहराया गया। दंगे मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद हार्दिक ने कहा कि अगर सामाजिक न्याय और अधिकार के लिए लड़ना गुनाह हैं तो हां मैं गुनहगार हूं।

दोषी ठहराए जाने के बाद हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर कहा कि किसी भी मुश्किल को उसके बनाए गए लेवल पर हल नहीं किया जा सकता, उस मुसीबत को उस लेवल से ऊपर उठने पर ही हल किया जा सकता है। इंक़लाब ज़िंदाबाद।

एक अन्य ट्वीट में हार्दिक ने कहा कि सामाजिक न्याय और सामाजिक अधिकार के लिए लड़ना अगर गुनाह हैं तो हां मैं गुनहगार हूं। सत्य और अधिकार की लड़ाई लड़ने वाला अगर बागी है तो हां मैं बागी हूं। सलाखों के पीछे सत्य,किसान,युवा और गरीबों के लिए लड़ने वाली मेरी आवाज़ को भाजपा की हीटरलशाही सत्ता नहीं दबा सकती।

गौरतलब है कि बुधवार को विसनगर दंगा मामले में गुजरात की कोर्ट ने हार्दिक पटेल सहित तीन लोगों को दो साल जेल की सजा सुनाई है। जेल की सजा के साथ ही कैद के साथ ही कोर्ट ने तीनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सत्र अदालत के न्यायाधीश वी पी अग्रवाल ने हार्दिक और उसके दो साथियों लालजी पटेल और एके पटेल को दंगा भड़काने, आगजनी करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होने से जुड़ी भादंवि की धाराओं के तहत दोषी ठहराया।

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