स्पाइसजेट ने लॉकडाउन की वजह से शहर से गांव की ओर पैदल पलायन करने को मजबूर लोगों के लिए सरकार के सामने एक पेशकश की है। विमान कंपनी ने कहा है कि यदि सरकार कहें तो दिल्ली और मुंबई से पटना के लिए कुछ उड़ान भरे जा सकते है। ताकि जो पीड़ित है उन्हें उनके गृह राज्य छोड़ा जा सके। सीएमडी अजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि प्रवासी श्रमिकों, विशेष रूप से बिहार के लोगों के लिए यह प्रस्ताव रखा गया है।
दरअसल कोरोना वायरस की वजह से देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया गया। सरकार की तरफ से सभी तरह के यातायात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सभी तरह के अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय उड़ानों को भी 14अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है। भारत में अभी इस वायरस के 724मामले हैं जबकि 20लोगों की मौत चुकी है।
रखा प्रस्ताव
लोगों को हो रही परेशानी को लेकर इंडिगो और गोएयर ने कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विमान और चालक दल के साथ-साथ स्टाफ सदस्यों के इस्तेमाल पर भी सरकार को प्रस्ताव दिया है। सीएमडी ने कहा कि पहले से ही सरकार के लिए हर दिन भोजन, दवाइयां और चिकित्सा उपकरणों के मद्देनजर उड़ाने भरी जा रही है।
मंत्रालय ने राज्यों को दिए निर्देश
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्य सरकारों से कहा कि वे प्रवासी कृषि मजदूरों,औद्योगिक श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर हो रही आवाजाही को रोकने के लिए कदम उठाएं। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए जारी एक एडवाइजरी में गृह मंत्रालय ने कहा कि उन्हें होटलों, कामकाजी महिला हॉस्टलों को आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि मौजूदा स्थिति में उन्हें पर्याप्त सुविधाएं मिल सके।
जारी की गई एडवाइजरी
एक आधिकारी के मुताबिक, "गृह मंत्रालय ने प्रवासी कृषि मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के सामूहिक पलायन को रोकने के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की है, ताकि कोविड-19के प्रसार को रोका जा सके।" राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी सलाह दी गई है कि वे इन कमजोर समूहों को सरकार द्वारा उठाए गए उपायों से अवगत कराएँ,जिसमें पीडीएस के माध्यम से मुफ्त अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुओं का प्रावधान है तथा वितरण प्रणाली को कारगर बनाना है।
बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन ने देश भर में प्रवासी श्रमिकों के बड़े पैमाने पर पलायन को जन्म दिया है।