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अगर कश्मीर समस्या का हल कोई बातचीत से नहीं चाहता तो हमें पता है समाधान: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर कहा कि सूबे की सभी समस्याएं हल होंगी और...
अगर कश्मीर समस्या का हल कोई बातचीत से नहीं चाहता तो हमें पता है समाधान: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर कहा कि सूबे की सभी समस्याएं हल होंगी और विश्व की कोई भी ताकत इसे रोक नहीं सकती। यही नहीं, कठुआ में लोगों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि कोई बातचीत से हल नहीं चाहता है तो फिर हमें पता है कि हालात को किस तरह से संभालना है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत के करगिल में सैन्य अभियान 'ऑपरेशन विजय' की 20वीं वर्षगांठ पर जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। राजनाथ सिंह ने द्रास में करगिल वॉर मेमोरियल में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी रक्षा मंत्री के साथ मौजूद रहे।

कश्मीर में आतंकवाद के मसले पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूरी इंटरनैशनल कम्युनिटी एक साथ आ रही है, उससे कश्मीर समेत पूरी दुनिया को ही आतंकवाद से निजात मिल सकेगी।

जवानों के शौर्य पर भरोसा

पाकिस्तान के आज के दौर में करगिल की हिमाकत के सवाल पर उन्होंने कहा कि देशवासियों को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और जवानों के शौर्य पर भरोसा करना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं अभी उन चोटियों से होकर आ रहा हूं, जहां सेना ने अपने पराक्रम को दिखाते हुए पाकिस्तानियों को पीछे धकेला था।

बैठकर करें बात

सूबे में अलगाववादियों से बातचीत के सरकार के प्रयासों को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें जितना प्रयास करना था कर लिया। अब उनके हाथ में है। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में जो लोग आंदोलन चला रहे हैं, यदि वे इसके जरिए समाधान चाहते हैं तो मैं उनसे अपील करता हूं कि कम से कम वे बैठें और बात करें। यह समझा जाए कि आखिर समस्या क्या है और उसके बाद हल के लिए प्रयास किए जाएं।'

राजनाथ का जम्मू-कश्मीर दौरा

शनिवार सुबह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह श्रीनगर पहुंचे थे। इस दौरान श्रीनगर एयरपोर्ट पर सेना और प्रशासन के आला अधिकारियों ने उनका स्वागत किया, यहां से वह द्रास के लिए रवाना हुए थे। जिसके बाद वह रविवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में पहुंचे। यहां उन्होंने जिले के उज्ज में एक किलोमीटर लंबे पुल का उद्घाटन किया। इसके बाद वह सांबा जिले में बसंतर (617.4 मीटर लंबा) में सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित एक पुल राष्ट्र को समर्पित किया। 
 

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