गैरकानूनी तरीके से आधार कार्डधारकों के डेटा चुराने के मामले में बेंगलुरु पुलिस ने आईआईटी के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र को गिरफ्तार किया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बेंगलुरु पुलिस के हवाले से बताया कि कानपुर का रहना वाला 31 साल का अभिनव श्रीवास्तव बेंगलुरु में रहता है। आरोपी को यूनिक आईडेंटिफिकेशन डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के डिप्टी डायरेक्टर की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, अभिनव श्रीवास्तव ने आधार ई-केवाईसी वेरिफिकेशन नाम की एक ऐप डेवलप की थी जिसके ज़रिए वो डेटा हैक किया करता था। ये एप्लिकेशन प्ले स्टोर पर भी मौजूद है। इस ऐप को नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर सर्वर पर होस्ट किया गया था। श्रीवास्तव ई-हॉस्पिटल एप्लिकेशन और उसके सर्वर से आधार र्काड का डेटा हैक करता था।
अभिनव श्रीवास्तव स्टार्टअप कंपनी क्वार्थ टेक्नोलाजी का को-फाउंडर भी, जिसे 2016 में टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ओला ने अधिग्रहण किया था। साइबर क्राइम पुलिस की जांच में इस बात का पता चला है कि, सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रीवास्तव आधार-ईकेवाईसी वेरिफिकेशन नाम से गैरकानूनी ऐप चला रहा था। क्वार्थ टेक्नोलोजी का ओला ने पिछले साल मार्च में अधिग्रहण किया था। फिलहाल वो ओला में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर के रुप में कार्यरत है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बेंगलुरु पुलिस के हवाले से बताया कि कानपुर का रहना वाला अभिनव श्रीवास्तव बेंगलुरु के यशवंतपुर इलाके में रहता था। यहीं से उसे यूनिक आईडेंटिफिकेशन डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के डिप्टी डायरेक्टर की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि देश के नागरिकों की निजी जानकारी को सार्वजनिक कर के श्रीवास्तव ने एक गंभीर अपराध किया है। आरोपी के पास से एक सीपीयू, चार लैपटॉप, एक टैबलेट, चार मोबाइल फोन, छह पेन ड्राइव और अन्य सामग्री जब्त की गई है और आगे की जांच चल रही है।