प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को करीब 10 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का तोहफा दिया। पीएम मोदी ने गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट) भी राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले की सरकारों ने गोरखपुर एम्स के लिए जमीन देने में आनाकानी की गई। बहुत दबाव पड़ने पर बेमन से उन्होंने एम्स के लिए जमीन दी। ये लोग इस बात को कभी नहीं समझेंगे कि कोरोना के संकट काल में भी विकास के काम डबल इंजन सरकार ने रुकने नहीं दिया। लोहिया और जयप्रकाश नारायण के संस्कारों को ये लोग कब का छोड़ चुके हैं। आज पूरा यूपी जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है। इन्हें सत्ता से मतलब रहा है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए। इनको जनता की दुख-तललीफ से कोई मतलब नहीं है। लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं। वे खतरे की घंटी हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि गोरखपुर में उर्वरक संयंत्र और एम्स की शुरुआत कई संदेश दे रही है। किसी भी देश में स्वास्थ्य सुविधाएं सस्ती हों तो वहां का विकास होता है। पहले सोचा जाता था कि एम्स जैसे बड़े मेडिकल संस्थान बड़े शहरों के लिए होते हैं लेकिन हमारी सरकार ऐसे संस्थानों को देश के सुदूर क्षेत्रों तक ले जा रही है। इस सदी की शुरुआत तक केवल एक एम्स था, अटल जी ने छह एम्स शुरू हुए और बीते सात सालों में 16 नए एम्स बनाने का काम चल रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज हो और हमें खुशी है कि यह काम तेजी से चल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब नया भारत कुछ ठान लेता है तो इसके लिए कुछ भी कठिन नहीं है. जब आपने 2014 में मुझे सेवा का मौका दिया तो कई खाद कारखाने बंद पड़े थे। खाद का विदेशों से आयात लगातार बढ़ता जा रहा था। जो खाद उपलब्ध भी थी उसका खेती के अलावा दूसरे कामों में गुपचुप तरीके से इस्तेमाल होता था.।खाद के लिए किसान को लाठी-गोली खानी पड़ती थी। खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए हमने 100 फीसदी यूरिया की नीम कोटिंग करवाई।
पीएम ने कहा कि फर्टिलाइजर कारखाने के शिलान्यास के समय मैंने कहा था कि गोरखपुर विकास का केंद्र बनेगा। आज ये सच होता दिख रहा है। इससे पूर्वांचल में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। कई नए बिजनेस शुरू होंगे। ट्रांसपोर्टेशन और सर्विस सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। खाद के मामले में भारत आत्मनिर्भर बनेगा।
उन्होंने कहा कि जहां दुनिया में यूरिया 60 से 65 रुपये प्रति किलो में बिक रही है, वहीं भारत में हमने किसानों को खाद 10 से 12 गुना सस्ती देने का प्रयास किया है। हमने करोड़ों किसानों को सोइल हेल्थ कार्ड दिए ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके खेत को किस तरह की खाद की जरूरत है।