फार्मा मशीनरी, उपकरण, सामग्री और तकनीक के प्रदर्शन के लिए इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में व्यापार मेला शुरू हुआ। इसका आयोजन इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया सीपीएचआई और पीमेक इंडिया ने किया है। कोविड के बाद मेला फार्मास्युटिकल निर्माण के एक नए रूप तथा आकार को प्रदर्शित करने पर केंद्रित है, जिसमें दुनिया भर से 40,000 से अधिक आगंतुक, 1500 से अधिक प्रदर्शक और 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की हिस्सेदारी देखी गई।
इस मौके पर इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक ने कहा "भारत के फार्मास्युटिकल क्षेत्र ने विनिर्माण मात्रा के मामले में खुद को साबित करने से कहीं अधिक किया है और महामारी के बाद के क्रम में एक लाइफ सायन्स लीड़र के रूप में यह क्षेत्र उभरा है। भारत का फार्मास्युटिकल क्षेत्र 50 अरब अमेरिकी डॉलर का उद्योग है और एक दशक से भी कम समय में कम से कम 150 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। सरकार इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए नई रणनीतियां भी विकसित कर रही है और इनोवेशन हब बनाने के लिए भारत को डिजिटल स्वास्थ्य में इनोवेशन के लिए एक आदर्श परीक्षण आधार बना रही है।
इस संबंध में एक दिन पूर्व दिल्ली में सीपीएचआई इंडिया प्री कनेक्ट कांग्रेस 2022 आयोजित किया गया था, जिसमें कई कंपनियों के सीईओ शामिल हुए। सीपीएचआई और पीमेक इंडिया के 15वें संस्करण के उद्घाटन रवि उदय भास्कर, डॉ. वीरमणि एस.वी, एवीपीएस चक्रवर्ती और बोर्ड मेंबर फार्मेक्सिल साहिल मुंजाल और जैसे प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे। प्रमुख प्रदर्शकों में हेटेरो, अरबिंदो, सिग्नेट, टेवा, ऑप्टिमस, लोन्ज़ा कैप्सूल, मर्क, आईएमसीडी, फेट कॉम्पैक्टिंग, एल्माच, एसीजी, बीडी फार्मा, आईएमए, कैडमैक, जीईए और कई अन्य कंपनियां शामिल हुई हैं। नवीनतम तकनीकों के प्रदर्शन के साथ, फार्मा क्षेत्र में नवाचारों को सामने लाने के लिए विशेषज्ञ रूप से क्यूरेट सीईओ राउंडटेबल की परिकल्पना की गई है। भारतीय फार्मा कंपनियां उत्पन्न होने वाले मूल्य में वैश्विक नेतृत्व कैसे और किस तरह हासिल कर सकती हैं, इस विषय पर चर्चा की गई।