“अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर भारत पूरी तरह तैयार है।“ यह कहना है भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव संयाल का। एक समाचार एजेंसी को दिए गए एक इंटरव्यू में आर्थिक सलाहकार संयाल ने कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के जो भी परिणाम होंगे उनसे निपटने की सारी तैयारियां कर ली गई हैं।
संजीव संयाल का कहना है कि हालांकि अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही है लेकिन तमाम बाहरी मसलों खासकर अमेरिका-चीन के बीच जारी ट्रेड वार, अमेरिका की सख्त होती मौद्रिक नीति और तेल की बढ़ती हुई कीमतें जैसे कारक अर्थव्यवस्था के लिए चिंता पैदा करने वाले हैं।
“हमने अपने विकल्पों को व्यापक किया है। तमाम संभावनाओं पर विचार किया गया है और हर एक पर अलग-अलग रणनीति बनाई गई है। लेकिन कई बार यह जरूरी होता है कि आप तभी अंतिम रुप से कुछ कह सकते हैं जब कुछ ठोस हो चुका होता है।“
संजीव आगे कहते हैं “इसलिए किसी खास एक निर्धारित लाइन पर अपने आपको खड़े करना ठीक नहीं है। इसके बजाय हमने संभावनाओं के विकल्पों पर विचार किया है। ऐसे में प्रतिबंध को लेकर जैसे ही कुछ हमारे सामने आएगा, हम उसी वक्त अपना सबसे अच्छा विकल्प चुन लेंगे।“
इसके साथ ही उन्होंने कहा इन तैयारियों के बारे में अभी से बात करना जल्दबाजी होगी और जब प्रतिबंधों को लेकर चीजें स्पष्ट होंगी तभी प्रतिक्रिया देना ठीक रहेगा।
पिछले महीने काम पर लौटने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एकमात्र बाहरी कारक नहीं हैं। वित्त मंत्री के अनुसार तेल की बढ़ती कीमतें और अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वार भारतीय अर्थव्यवस्था को ज्यादा प्रभावित कर रहे हैं।
संजीव संयाल ने वित्तमंत्री से सहमती जताते हुए कहा कि ये ऐसे मसले हैं जो पिछले कुछ सप्ताहों से हमारे सामने आ रहे हैं। उनके अनुसार हमारे लिए यह ज्यादा चिंता का विषय है कि इन वैश्विक घटनाओं का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
“घरेलू मसले पर अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी है”
घरेलू मसले पर अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर संयाल ने कहा तथ्य दिखा रहे हैं कि चीजें सुधर रही है, ऐसे में यह जरुरी है कि हम आगे बढ़ने की इस गति को बनाए रखें। सरकार का फोकस इस समय बैंकिंग सिस्टम की सफाई पर है। संयाल ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि लघु, मध्यम और छोटे उद्यमों के लिए नगदी की उपलब्धता बनी रहे। इसके अलावा सरकार जीएसटी के सरलीकरण पर भी जोर दे रही है।
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध;
अगस्त के पहले सप्ताह में ही अमेरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए थे। उस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल़्ड ट्रंप ने कहा था कि जो देश प्रतिबंध लगने के बाद ईरान से व्यापार करेंगे, उन देशों के साथ अमेरिका कोई व्यापार नहीं करेगा।
ईरान पर इन प्रतिबंधों को बहुपक्षीय परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद लगाया गया था।
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का यह दूसरा चरण 5 नवंबर से प्रभावी होगी। इन प्रतिबंधों के बाद ईरान से कच्चे तेल की खरीद मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में भारत, चीन और तुर्की जैसे कई देशों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।