समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव आईपीएस अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने के मामले में कोर्ट सख्त नजर आ रहा है। अपने हालिया आदेश में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुलायम सिंह यादव को निर्देश दिया है कि वह कार्यवाही में पूर्ण सहयोग करेंगे। सहयोग नहीं करने की दशा में यह अवधारणा की जाएगी कि प्रश्नगत आवाज मुलायम सिंह यादव की ही है।
कोर्ट के आदेश का अभी तक नहीं हो सका अनुपालन
शिकायतकर्ता आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव पर आरोप लगाया था कि 10 जुलाई 2015 को उन्हें मुलायम सिंह यादव ने मोबाइल फोन पर धमकी देकर परिणाम भुगतने को कहा था। मामले में कोर्ट ने 20 अगस्त 2016 को विवेचक को निर्देश दिया था कि वह आरोपित की आवाज का नमूना लेकर मिलान करे कि आवाज उनकी है या नहीं, लेकिन आदेश का अनुपालन अभी तक नहीं हो सका है।
मुलायम के आवास पर भेजा गया था नोटिस, नहीं मिला कोई जवाब
पूर्व विवेचक ने मुलायम सिंह यादव के आवाज का नमूना लेने के लिए लखनऊ और दिल्ली के उनके आवास पर नोटिस भी भेजा था, लेकिन किसी ने नोटिस स्वीकार नहीं किया। नमूना लेने के लिए 14 फरवरी को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सीओ बाजार खाला के नेतृत्व में एसआइटी का भी गठन किया था, लेकिन नतीजा शून्य रहा। इसी मामले की सुनवाई यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनन्द प्रकाश सिंह कर रहे हैं।
कोर्ट ने आवाज का नमूना शीघ्र प्राप्त कर कार्यवाही किए जाने को कहा
गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट के पहले के आदेशों के अनुपालन में सीओ बाजार खाला और वादी अमिताभ ठाकुर सुनवाई के समय उपस्थित थे। विवेचक अनिल कुमार यादव ने आख्या प्रस्तुत कर आवाज का नमूना शीघ्र प्राप्त कर कार्यवाही किए जाने को कहा।
कोर्ट ने मुलायम सिंह को दिया 20 दिन का समय
इस पर अदालत ने उन्हें 20 दिन का समय देते हुए मुलायम सिंह यादव को निर्देश दिया है कि वह विवेचक को पूर्ण सहयोग करेंगे। अदालत ने कहा है कि सहयोग न करने की दशा में यह अवधारणा की जाएगी कि प्रश्नगत आवाज मुलायम सिंह यादव की है।