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हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना जरूरी, नहीं तो हो सकते हैं गंभीर बीमारी के शिकार

अगर आपने हेपेटाइटिस बी का टीका नहीं लगवाया है तो जरूर लगवा लीजिए, अन्यथा यह एक गंभीर बीमारी का रूप ले...
हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना जरूरी, नहीं तो हो सकते हैं गंभीर बीमारी के शिकार

अगर आपने हेपेटाइटिस बी का टीका नहीं लगवाया है तो जरूर लगवा लीजिए, अन्यथा यह एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है। यह कहना है डॉ अल्पना कंसल का। मशहूर गायनोलिस्ट डा कंसल का कहना है कि हेपेटाइटिस बी को काली काला पीलिया के नाम से भी जाना जाता है। हेपेटाईटिस बी एक संक्रमणकारी रोग है, जो वाईरस से होता है, और रक्त के द्वारा फैलता है। यह संक्रमित खून चढ़ाने से, संक्रमित सुई के इंजेक्शन लगाने से, संक्रमित व्यक्ति के साथ संभोग करने से और संक्रमित मां से बच्चे को होता है।

उन्होंने बताया कि क्रोनिक हेपेटाइटिस बी एक गंभीर बीमारी के रूप में विकसित हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जिनमें लीवर की क्षति, लीवर की विफलता, लीवर कैंसर और यहां तक कि मृत्यु भी शामिल है। हेपेटाइटिस बी की बीमारी से भारत में हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। अच्छी बात यह है इससे बचने के लिए 6 माह के अंतराल में 3 टीके लगाए जा सकते हैं। 2000 के बाद से सभी बच्चों को जन्म पर पहला टीका दिया जाता है इससे पूर्व जिनका जन्म हुआ है उनको टीके बचपन में नहीं लगे हैं उन सभी को टीके लगवाने चाहिए।

रविवार को आईएमए गाजियाबाद और कल्कि ट्रस्ट की ओर से 200 लोगों को हेपेटाइटिस बी का मुफ्त टीका लगाया गया। इसका उद्घाटन आईएमए अध्यक्ष डॉ संदीप वार्ष्णेय ने किया। इस मौके पर डॉ सीमा वार्ष्णेय, डॉ पंकज मित्तल, डॉ सीमा सहगल, डॉ अनुज गुप्ता, शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष आर के वर्मा, महासचिव के के भटनागर और कोषाध्यक्ष अरुण कुमार यादव का सहयोग रहा।

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