सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एमएलसी चुनाव में वोट डालने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को अस्थायी रिहाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया। देशमुख और मलिक न्यायिक दोनों अभी जेल में हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र एमएलसी चुनाव में अब देशमुख और मलिक मतदान नहीं कर पाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने देशमुख और नवाब मिलक की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में वोट डालने के लिए जेल से अस्थायी रिहाई की मांग कीथी। हालांकि, जस्टिस सी टी रविकुमार और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 62(5) की व्याख्या से संबंधित मुद्दे की जांच करने के लिए सहमत हो गई, जो जेल में बंद व्यक्तियों को मतदान से रोकती है।
इससे पहले हाई कोर्ट ने दोनों की मांग को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। महाराष्ट्र में एमएलसी चुनाव के लिए मतदान आज ही हो रहा है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में केवल 285 वोट ही उपलब्ध हैं। क्योंकि मलिक और देशमुख न्यायिक हिरासत में हैं और शिवसेना के विधायक रमेश लाटके हाल ही में निधन हो गया था।
एनसीपी नेता नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इली साल 23 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वो अभी न्यायिक हिरासत मे हैं। जबकि, देशमुख के खिलाफ ईडी ने जांच शुरू की है, जिसके चलते वह न्यायिक हिरासत का सामना कर रहे हैं।