भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि दुनिया के प्रमुख देशों को आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहिए और उदाहरण पेश करना चाहिए। इसमें अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना, साथी देशों के हितों का सम्मान करना, बहुपक्षीयता का समर्थन करना और हर किसी की भलाई की कोशिश की जानी चाहिए।
गलवान घाटी पर 20 सैनिकों के मारे जाने के बाद भारत-चीन के तनाव के बीच विदेश मंत्री की यह टिप्पणी रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री वांग यी की मौजूदगी में आई है। पिछले हफ्ते, भारत ने चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की हत्या को "पूर्व नियोजित और नियोजित कार्रवाई" करार दिया था।
विदेश मंत्री ने कहा कि यह मीटिंग अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों में हमारे विश्वास को दोहराती है लेकिन आज की चुनौती सिद्धांत और नियम नहीं हैं, बल्कि उनका पालन करने में बराबरी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व के नेतृत्व की आवाज सबके हित में उठनी चाहिए। इन आवाजों को सबके लिए उदाहरण पेश करना होगा।
जरूरत है सभी को साथ लेकर चलने की
एस जयशंकर ने कहा कि सबकी भलाई को साथ लेकर चलने से ही एक सतत विश्व का निर्माण किया जा सकता है। हमें अंतरराष्ट्रीय कानूनों, अपने सहयोगियों के हितों का खयाल रखने, बहुपक्षीयता को समर्थन देने और सबके हित में लिए गए फैसलों के साथ चलना होगा, ताकि हम एक बेहतर और लंबे समय तक टिकने वाली वैश्विक व्यवस्था बना सकें।
दुनिया काफी बदल गई है
विदेश मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है जब दुनिया को भारत के महत्व को पहचानना चाहिए और उसके अनुसार स्थान देना चाहिए। पिछले 75 साल में दुनिया काफी बदल गई है, ऐसे में अब विश्व को देखने के नजरिए को भी बदलना होगा। यही समय है कि दुनिया भारत को देखे और पुराने वक्त में सुधार लाए। उन्होंने भारतीय डॉक्टर डॉ कोटनिस के नेतृत्व में चिकित्सा मिशन को भी याद किया, जो द्वितीय चीन-जापानी युद्ध के दौरान 'चीन में एक' किंवदंती बन गए थे।