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नागरिकता कानून को लेकर जामिया में फिर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में एक बार फिर विरोध...
नागरिकता कानून को लेकर जामिया में फिर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में एक बार फिर विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया है। छात्र हाथों में तख्तियां लेकर धरने पर बैठे हैं और नागरिकता कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भारी संख्या में लोग जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर जमा हुए हैं।

यूनिवर्सियी के मेन गेट पर विरोध प्रदर्शन महिला छात्रों ने शुरु किया और बाद में पुरुष भी इसमें शामिल हो गए। उन्होंने "लडके लेंगे आजादी" और "इंकलाब जिंदाबाद" जैसे नारे लगाए। इससे पहले शुक्रवार को भी छात्रों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

परिजनों का आरोप, पुलिस ने गलत फंसाया

वहीं, पुरानी दिल्ली में शुक्रवार को हुए प्रदर्शन के दौरान 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। परिवार के लोग दरियागंज पुलिस स्टेशन के बाहर इंतजार कर रहे हैं लेकिन पुलिस उनसे मिलने नहीं दे रही है। उन्होंने बच्चों पर लगाए गए आरोपों को भी निराधार बताया है। परिवार के एक सदस्य ने कहा, "मेरा दामाद दरियागंज के पास पत्नी को छोड़ने आया था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मोहम्मद सलीम ने कहा कि उनका दामाद मस्जिद में प्रार्थना करने गया था लेकिन उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। परिजनों का कहना है कि उन्हें बच्चों से बात तक नहीं करने दी जा रही है।

 

15 दिसंबर को हुई थी हिंसा

राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद से इस कानून के विरोध में देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं।15 दिसंबर को जामिया में इस कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई। इस प्रदर्शन में कई छात्रों समेत पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गए। जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में देश की कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए। कई यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों से हॉस्‍टल खाली करा लिया गया।

दस को किया था गिरफ्तार

जामिया नगर क्षेत्र के दस लोगों को 15 दिसंबर को बर्बरता और हिंसा के मामले में तब गिरफ्तार किया गया जब विरोध प्रदर्शन करते हुए कम से कम चार बसों को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस के मुताबिक, इनमें कोई भी जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट नहीं है बल्कि सभी शख्स क्रिमिनल बैगराउंड से आते हैं। गिरफ्तार 10 लोगों में से 3 इलाके के बैड कैरेक्टर घोषित क्रिमिनल हैं।

हाई कोर्ट ने मांगा है जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में 4 फरवरी को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि बिना अनुमति के पुलिस परिसर और लाइब्रेरी में दाखिल हुई। इस बारे में जामिया मिलिया के चीफ प्रोक्टर ने भी बयान जारी किया, जो पुलिस के दावे के विपरीत था। जिसमें कहा गया कि पुलिस को परिसर में दाखिल होने की कोई मंजूरी नहीं दी गई थी।

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