रांची। झारखंड के गोड्डा जिला के सुंदरपहाड़ी प्रखंड के सिंदरी पंचायत के आधा दर्जन गांवों में अज्ञात बीमारी से पहाड़िया समुदाय के 7 बच्चों की मौत हो गई। बच्चों को पहले बुखार आया फिर उनकी मृत्यु हो गई। अधिकांश मरने वाले बच्चों की उम्र 10 वर्ष से कम है।
बीते शनिवार को विश्व आदिवासी अखिल एभेन संगठन के संजय किस्कू ने सिविल सर्जन को लिखित सूचना दी थी कि सुंदरपहाड़ी प्रखंड अंतर्गत सिंदरी पंचायत के जोलों, बोरागो, सारमी, सिदलेर और तिलेयपाड़ा में 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों की अज्ञात बीमारी से मृत्यु हो रही है। अज्ञात बीमारी से बच्चों की मौत से ग्रामीणों में दहशत है।
अज्ञात बीमारी से मौत की खबर वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। जनसंपर्क विभाग के अनुसार सुंदरपहाड़ी प्रखंड के बड़ा सिंदरी पंचायत के कुछ गांवों में मलेरिया रोग से कतिपय व्यक्तियों, विशेषकर बच्चों के ग्रस्त होने के मामले सामने आने पर माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मलेरिया प्रभावित गांवों में रोग की रोकथाम एवं बचाव की दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है उपायुक्त, गोड्डा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कुल 15 मेडिकल टीमों का गठन कर बड़ा सिदरी पंचायत के सभी 16 गांवों का मास सर्वे कराया जा रहा है।
इसी सिलसिले में उपायुक्त, गोड्डा द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुंदरपहाड़ी में जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया गया और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों व सभी 15 मेडिकल दलों के चिकित्सकों को रणनीति बनाकर बड़ा सिंदरी पंचायत के सभी गांवों का मास सर्वे का निर्देश दिया गया। प्रभावित क्षेत्रों में मलेरिया रोग के प्रसार को रोकने और पीड़ित व्यक्तियों के उपचार के लिए जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक सभी दवाएं , रैपिड जांच किट आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराते हुए मलेरिया प्रभावित गांवों में वितरण का कार्य कराया जा रहा है।
रोग की तीव्रता को देखते हुए आयु वर्ग के अनुसार क्लोरोक्यूनेन, प्राइमाक्यूनेन PVऔर PF मलेरिया केसों के मामले में दी जाने वाली चिकित्सकीय सलाह के अनुरूप दवाओं , ACT किट , मेडिकेटेड मच्छरदानी एवं सामान्य मच्छरदानीआदि के वितरण का कार्य स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मलेरिया से अलग बुखार जैसे अन्य मामलों के निदान के लिए भी घर-घर जाकर मेडिकल सर्वे कर आवश्यक दवाएं/ एंटीबायोटिक आदि चिकित्सीय जांच के उपरांत दी जा रही हैं। साथ ही साथ इन गांवों में रहने वाले सभी बड़े, बूढ़े एवं बच्चों का लाइन लिस्टिंग एक एक व्यक्ति का स्क्रीनिंग किया गया। स्क्रीनिंग में मलेरिया पॉजिटिव पाए गए बच्चों , बड़ों को मलेरिया रोधी दवाएं दी गईं। साथ ही जिनमें मलेरिया के लक्षण नहीं पाए गए, उनमें भी मलेरिया के प्रसार को रोकने के लिए प्रोफाईलैक्सिक्स दवाएं दी गईं। हालात पर निगरानी रखी जा रही है।