रांची। झारखंड दौरे पर रांची पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने मन की बात कह आदिवासी कार्ड चल दिया। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की तारीफ कर अलग पासा फेंक दिया। जिस भाजपा की सरकार के साथ हेमंत सरकार के लगातार टकराव चल रहे हैं उसके मंत्री अर्जुन मुंडा की तारीफ के मायने निकाले जा रहे हैं।
गुरुवार को खूंटी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वयं सहायता समूह की दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में हेमंत सोरेन ने अर्जुन मुंडा के प्रति पूरी उदारता दिखाते हुए कहा कि जब से अर्जुन मुंडा मंत्री बने हैं तब से इस क्षेत्र में कुछ काम दिख रहा है। आशा है कि आगे भी यह दिखेगा।
दरअसल आदिवासी नेतृत्व को लेकर भाजपा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी में छत्तीस का रिश्ता किसी से छुपा नहीं है। यही वजह है कि हेमंत सरकार के साढ़े तीन साल होने जा रहे हैं मगर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला है। इस मामले को लेकर बाबूलाल अकसर कहते हैं कि हेमंत सोरेन के इशारे पर ऐसा हो रहा है।
दरअसल बाबूलाल मरांडी का मामला विधानसभा अध्यक्ष की अदालत में चल रहा है। प्रदेश में भाजपा ने झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल को लाकर विधायक दल का नेता बना दिया। मंशा थी कि कोई आदिवासी नेता ही हेमंत सोरेन पर आक्रमण करे तो ज्यादा बेहतर। बाबूलाल, हेमंत सोरेन के खिलाफ लगातार आक्रमण करते भी रहते हैं। हेमंत द्वारा अर्जुन मुंडा की तारीफ को लोग इसी नजरिये से देख रहे हैं।
आदिवासियों को लेकर हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड का ब्रहृमास्त्र भी चला दिया। जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड एक जटिल पेंच है। सत्ता में आने के बाद हेमंत सोरेन ने दुमका उप चुनाव के तुंरत बाद विधानसभा से सर्वसम्मत प्रस्ताव पास कराकर केंद्र को भेज दिया। भीतर से न चाहते हुए भी भाजपा को सदन में आम सहमति जाहिर करनी पड़ी। मगर मामला अभी तक तकनीकी पेंच की वहज से केंद्र के पास लटका है। हेमंत की इस चाल का केंद्र सरकार या भाजपा को अभी तक इसका काट नहीं सूझ रहा।
खूंटी में राष्ट्रपति के समक्ष हेमंत सोरेन ने फिर सरना धर्म कोड का राग अलाप दिया। लागू कराने की मांग कर दी। कहा कि आदिवासी समुदाय के जीवन मरण से जुड़ी कुछ और मांगें हैं, केंद्र सरकार से इन्हें लागू करने की अनुमति दिलाई जाय जिसमें सरना धर्म कोड के साथ मुंडारी और कुडुख भाषा को 8 वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग शामिल है। आदिवासियों की जमीनी हालत पर भी हेमंत ने चिंता जाहिर की।
बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट भवन के उद्घाटन के मौके पर हेमंत सोरेन ने आदिवासी कार्ड चल दिया। उच्च न्यायिक सेवा में आरक्षण की मांग कर दी। कहा कि आदिवासी बहुत राज्य में इस सेवा में आरक्षण लागू होना चाहिए। झारखंड में उच्च न्यायिक सेवा में आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व नगण्य है। यह भी कहा किझारखंड में अनेक गरीब आदिवासी, दलित एवं कमजोर वर्ग के कैदी गरीबी व जानकारी के अभाव में जेल में बंद हैा। ऐसे कैदियों की संख्या प्रदेश में 3600 है। जिनमें 3400 का डिस्पोजल कराया है। शेष का निष्पादन भी छह माह में करा लिया जायेगा।