रांची। झारखंड के कई जिलों का आतंक 30 लाख रुपए का इनामी पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप अंत गिरफ्तार कर लिया गया। 102 मामलों में पुलिस को दिनेश गोप की तलाश थी। अभी सेना की नौकरी में रहा दिनेश गोप आपराधिक पृष्ठ भूमि वाले अपने बड़े भाई सुरेश गोप की हत्या के बाद 2002 में ही अपराध की दुनिया में चला आया था।
एनआईए और आईबी के फीडबैक पर शनिवार की शाम नेपाल से गिरफ्तारी की सूचना है। हालांकि एनआईए के अनुसार दिल्ली से गिरफ्तारी हुई है। जहां वह सिख के भेष में रह रहा था। रविवार की शाम उसे एयर एशिया के विमान से रांची लाया गया। झारखंड पुलिस ने उसपर 25 लाख था एनआईए ने 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। रांची लाने के बाद एनआईए की टीम उससे पूछताछ कर रही है।
खूंटी जिला के जरियागढ़ के रहने वाले दिनेश गोप की इलाके में खौफ के साथ रॉबिन हुड वाला इमेज था। गांव में मंदिर बनवा, गरीबों की शादी में मदद कर ग्रामीणों की सहानुभूति हासिल किए रहता था। झारखंड, बिहार और ओडिशा में हत्या, अपहरण, धमकी, जबरन वसूली आदि के उसपर 102 मामले दर्ज थे।
बता दें कि 2018 से ही दिनेश गोप की एनआईए को तलाश थी।नोटबंदी के बाद दिनेश गोप ने लेवी के 25.38 लाख रुपये एसबीआई रांची की बेड़ो शाखा में एक पेट्रोल पंप संचालक के जरिए जमा करवाने की कोशिश की थी। इस मामले में रांची पुलिस ने 10 नवंबर 2016 को पेट्रोल पंप संचालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
जनवरी 2018 को इस केस को एनआईए ने ले लिया था। उसके बाद से एनआईए को उसकी तलाश थी। इसी कड़ी में रेड के दौरान उसके सहयोगी के ठिकानों से 90 लाख रुपए बरामद किए गए थे। एनआईए ने दिनेश की दो पत्नियों हीरा देवी और शकुंतला को भी गिरफ्तार किया था। उसके ताल्लुकात नेताओं और अफसरों से भी काफी मधुर से। एहतियात के तौर पर सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल करता था। पुलिस से बचने केलिए बिहार, पंजाब, नेपाल, भूटान उसके पसंदीदा ठिकाने थे। कई मौकों पर पुलिस के साथ उसके दस्ते की मुठभेड़ हुई मगर हरबार वह भाग निकला।