रांची। रांची जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के आठवें समान और मुख्यमंत्री के आवासीय कार्यालय में पूछताछ के लिए बनी सहमति के बीच झामुमो आक्रम रुख अख्तियार कर रहा है। मंगलवार को झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कांफ्रेंस कर ईडी को चेतावनी दी। वहीं साहिबगंज में विरोध स्वरूप झामुमो ने मंगलवार की शाम मशाल जुलूस निकाला और बुधवार 17 जनवरी को साहिबगंज बंद का कॉल दिया है। इससे लगता है कि हेमंत सोरेन से 20 को ईडी की पूछताछ तक झामुमो के आंदोलन का सिलसिला और तेज होगा।
झामुमो ने ईडी से सख्त लहजे में कहा कि उसकी कार्रवाई से प्रदेश की जनता में आक्रोश है। इसे समझने में देर करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि संसदीय चुनाव सिर पर है इससे ठीक पहले राज्य में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई कई सवाल खड़े कर रही है। पहले विपक्षी दलों को धर्म और संप्रदाय के नाम पर डराया जाता था अब उसकी जगह ईडी ने ले ली है। विपक्षी दलों को ईडी , सीबीआई और आयकर जैसी केंद्रीय एजेंसियों का डर दिखाया जा रहा है। हाल में कुछ राज्यों में चुनाव के दौरान केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हो गईं। उनके एक्शन को भाजपा अपनी उपलब्धि बताती रही। झारखंड में भी ऐसी समा बांधी जा रही है।
केंद्रीय एजेंसियों के ऑपरेशन पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई की कार्रवाइयों की जानकारी कैसे बाहर आ जाती है। करवाई को सार्वजनिक कर राज्य सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है, परेशान किया जा रहा है। ईडी भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। ईडी रेड के बाद नहीं बताती कि किसके यहां से क्या मिला। ईडी हमें अपने साथ राजनीतिक लड़ाई लड़ने को विवश कर रही है।
इधर झामुमो ने ईडी की कारवाई के खिलाफ मंगलवार की शाम साहिबगंज में मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। 17 जनवरी को पार्टी ने साहिबगंज बंद बुलाया है। प्रदर्शन के दौरान पूर्व सांसद हेमलाल मुर्मू ने कहा कि केंद्र की सरकार जनता की चुनी हुई हेमंत सोरेन की सरकार को अस्थिर करने में लगी है। यह किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं राजमहल सांसद विजय हांसदा ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की छवि धूमिल करना चाह रही है। सम्मान को ठेस पहुंचाने व चरित्र पर दाग लगाने की उनकी कोशिश को झामुमो बर्दाश्त नहीं करेगा। साहिबगंज से उठी आंदोलन की आंच और कहां जायेगी दो तीन दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।