जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को दिल्ली सरकार को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। दिल्ली पुलिस ने छात्र नेता कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ राजद्रोह का मामला चलाने की मंजूरी दिल्ली सरकार से मांगी थी, जो अभी तक लंबित है। मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को होगी।।
एडीशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने दिल्ली पुलिस से दिल्ली सरकार को एक रिमांइडर भेजने के लिए कहा है। मजिस्ट्रेट ने कहा कि एक नई सरकार का गठन हुआ है। उन्हें रिमाइंडर भेजिए। इससे पूर्व सुनवाई में दिल्ली सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि मुकदमा चलाने की अनुमति देने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जवाब से पता चला था कि गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर मामले की फाइल लंबित है।
लगाई थी पुलिस को फटकार
इससे पहले मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी तथा दिल्ली पुलिस से पूछा था कि आखिर मामले में आरोप पत्र दाखिल करने से पहले केजरीवाल सरकार से मंजूरी क्यों नहीं ली गई थी? क्या आपके पास लीगल डिपार्टमेंट नहीं है? अदालत ने कहा था कि जब तक दिल्ली सरकार इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की मंजूरी नहीं दे देती है, तब तक वो इस पर संज्ञान नहीं लेगी।
छात्रों को बनाया है आरोपी
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 1200 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और सात अन्य कश्मीरी छात्रों को मुख्य आरोपी बनाया था। नौ फरवरी, 2016 को 2002 संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा दिए जाने की बरसी पर जेएनयू परिसर में देश विरोधी नारे लगे थे।