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पत्रकारों का दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन, पुलिस से नोक-झोंक

शुक्रवार को जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों के साथ मारपीट और कैमरा तोड़े जाने की घटना...
पत्रकारों का दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन, पुलिस से नोक-झोंक

शुक्रवार को जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों के साथ मारपीट और कैमरा तोड़े जाने की घटना के विरोध में पत्रकारों का दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। मारपीट से नाराज पत्रकारों ने पुलिस मुख्यालय के सामने अपने कैमरे रख दिए। पत्रकारों का कहा, वे तब तक अपने कैमरे नहीं उठाएंगे जब तक दिल्ली पुलिस दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है। इस दौरान पुलिस और पत्रकारों के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई।

इस मामले में दिल्ली पुलिस के सीपीआरओर दीपेंद्र पाठक ने कहा है कि महिला पत्रकार के उत्पीड़न मामले की जांच दो दिन में पूरी होगी। इसके बाद दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।



प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों ने कहा, ‘जिस तरह आपको हथियार आवंटित होते हैं, उसी तरह कलम और कैमरे हमारे हथियार हैं। हम इन्हें तब तक नहीं छूने देंगे जिस तरह पुलिस अपने हथियार नहीं छूने देती।‘ उन्होंने कहा, ‘आखिर पुलिस हमारे कैमरे क्यों छीन रही थी? क्या गलत कर रही थी जिसके लिए कैमरे छीनने पड़े? न्याय मिलने तक कैमरे नहीं उठाएंगे।‘

प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों और फोटो पत्रकारों का कहना था कि दिल्ली पुलिस के लोग गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। कल उनसे आग्रह किया गया फिर भी ये लोग नहीं माने। प्रदर्शकारी पत्रकारों से बात करने आए एक अधिकारी के पैरों पर अपने कैमरे रखते हुए पत्रकारों ने कहा, ‘आज जितना मारना है मार लीजिये, किसी कीमत पर हम अपना कैमरा नहीं उठाएंगे।‘

दिल्ली पुलिस अधिकारियों से पत्रकारों ने कहा कि अब मार खाने के लिए मीडिया पूरी तरह से तैयार है। पत्रकारों ने कहा, “दिल्ली पुलिस के कार्यक्रमों में यही फोटोग्राफर आकर फोटो लेते हैं और तस्वीरों को पीएमओ और मंत्रियों को भेज कर कार्यक्रम को चमकाते हैं।” पत्रकारों ने कहा कि चौथे खंभे को गिराने की जो कोशिश ये कर रहे हैं, उसमें ये सफल नहीं होंगे।

बता दें कि 23 मार्च की शाम को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जेएनयू छात्रों ने जेएनयू से संसद तक मार्च का आयोजन किया था। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने छात्रों को आईएनए के पास ही बैरिकेड लगाकर रोक दिया, जहां पर दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर जमकर बल प्रयोग किया और छात्रों से मारपीट की। इस दौरान पुलिस के कई अधिकारियों ने कई पत्रकारों पर भी हमला कर दिया। परिचय देने के बावजूद एक महिला फोटोग्राफर का कैमरा छीनकर तोड़ दिया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। एक अन्य पत्रकार के साथ भी इस दौरान मार-पीट की गई। इनके अलावा कई और भी पत्रकारों के फोन और कैमरे दिल्ली पुलिस ने छीन लिए।

इसी के खिलाफ में शनिवार को पत्रकार और फोटो पत्रकार दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक जब तक मौके पर नहीं आएंगे और बात नहीं सुनेंगे तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। विरोध प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों ने  पुलिस मुख्यालय के सामने कैमरा रखकर विरोध जताया तथा दिल्ली कैंट की एसएचओ पर महिला पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने महिला पत्रकार के साथ दुर्व्यहार के लिए माफी मांगी तथा धक्का-मुक्की और  कैमरा छीनने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वहीं जिस महिला पत्रकार  अनुश्री फडणवीस के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया  गया, उन्होंने  ट्वीट कर कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि काम के दौरान दिल्ली पुलिस की महिला अधिकारी मेरे साथ हाथापाई करेंगी। मेरा कैमरा छीन लिया गया जो अभी तक नहीं मिला है।

 

 

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