रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई के दो लुकआउट कार्नर जारी होने के चलते कार्ति चिदंबरम ने विदेश जाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट से मंजूरी मांगी है। कार्ति ने कोर्ट को कहा है कि कारोबार के सिलसिले में उन्हें यूके और फ्रांस की यात्रा पर जाना है।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति की अर्जी के सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अब्दुल कुदेस ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल जी राजगोपाल से जवाब मांगा है। इसके साथ ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन और सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा को भी नोटिस जारी कर 12 फरवरी तक जवाब देने को कहा है।
31 जनवरी के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत कार्ति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है तथा अपनी अर्जी में कहा है कि कारोबार के सिलसिले में 15 से 28 फरवरी और 20 से 31 मार्च के दौरान यूके और फ्रांस जाना है। सीबीआई के अनुरोध पर ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी की ओर से कार्ति के खिलाफ लुक आउट कार्नर जारी किया गया था। मालूम हो कि सीबीआई आईएनएक्स मीडिया लिमिटेड को 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड द्वारा अनुमति दिए जाने में अनियमितता की जांच कर रही है।