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करूर भगदड़ मामला: एनसीएससी प्रमुख ने मृतकों के परिजनों के लिए सरकारी नौकरी की सिफारिश की

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष किशोर मकवाना ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के...
करूर भगदड़ मामला: एनसीएससी प्रमुख ने मृतकों के परिजनों के लिए सरकारी नौकरी की सिफारिश की

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष किशोर मकवाना ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तमिलनाडु के करूर का दौरा किया और अभिनेता विजय की पार्टी की एक रैली के दौरान हाल में हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले समुदाय के 12 लोगों के परिजनों से मुलाकात की।

आयोग ने सिफारिश की कि प्रत्येक शोक संतप्त एससी परिवार के एक पात्र सदस्य को उनकी खराब सामाजिक-आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकारी नौकरी दी जाए।

विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) द्वारा 27 सितंबर को आयोजित एक रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की जान चली गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए।

आयोग ने एक बयान में कहा कि मकवाना ने एनसीएससी प्रदेश कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भगदड़ स्थल का निरीक्षण किया और फिर अनुसूचित जाति के पीड़ितों के घर जाकर संवेदना व्यक्त की। उनके साथ करूर के जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी थे।

बयान में कहा गया, ‘‘आयोग इस दुख और त्रासदी की घड़ी में अनुसूचित जाति समुदाय के साथ मजबूती से खड़ा है।’’ साथ ही, परिवारों को केंद्र की ओर से पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया गया।

मकवाना ने जिले के अधिकारियों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक भी की और उन्हें भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस तैनाती की पर्याप्तता, आयोजन स्थल की स्वीकृति प्रक्रिया और अब तक किए गए राहत उपायों पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

आयोग के अनुसार, 41 मृतकों में से 15 अनुसूचित जाति समुदाय से थे। मृतकों में गरीब परिवारों के पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

एनसीएससी ने कहा कि करूर त्रासदी ‘‘ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की मानवीय कीमत की एक दर्दनाक याद दिलाती है, जिसने परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई और राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया।’’

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