Advertisement

श्रीनगर के लाल चौक में कश्मीरी महिलाओं का प्रदर्शन, फारुख अब्दुल्ला की बहन-बेटी हिरासत में

जम्मू-कश्मीर के लाल चौक पर कई कश्मीरी महिलाओं ने 370 को हटाने का विरोध किया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व...
श्रीनगर के लाल चौक में कश्मीरी महिलाओं का प्रदर्शन, फारुख अब्दुल्ला की बहन-बेटी हिरासत में

जम्मू-कश्मीर के लाल चौक पर कई कश्मीरी महिलाओं ने 370 को हटाने का विरोध किया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रह चुके फारूख अब्दुल्ला की बहन व बेटी को श्रीनगर से हिरासत में लिया गया है। यह दोनों अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। फारूख अब्दुल्ला की बहन का नाम सुरैया है, उनके साथ ही फारूख की बेटी साफिया को भी हिरासत में लिया गया है।

इन महिलाओं का कहना है कि हम केंद्र सरकार अनुच्छेद 370, 35ए हटाने और जम्मू-कश्मीर को बांटने के फैसले का विरोध करते हैं। यह फैसला एकतरफा है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सामाजिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों की बहाली की जाए। उन्होंने कहा कि एक नागरिक होने के तौर पर वे खुद को धोखे और प्रताड़ना का शिकार महसूस कर रही हैं। इन्होंने हिरासत में लिए गए अन्य लोगों को छोड़े जाने और शहरी-ग्रामीण इलाकों से सेनाओं को हटाए जाने की भी मांग की।

5 अगस्त से नजरबंद कई नेता

साफिया के भाई और फारूख अब्दुल्ला के बेटे पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत कई नेता 5 अगस्त के बाद से ही नजरबंद हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन अब्दुल्ला की बहन सुरैया और उनकी बेटी साफिया के नेतृत्व में हो रहा था, इसमें काफी महिला कार्यकर्ता भी शामिल थीं, जिन्हें हिरासत में लिया गया है। हिरासत और नजरबंदी के खिलाफ कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई पत्र लिखे हैं। वहीं, अदालत में भी इसे चुनौती दी गई है।

धरने पर बैठने की कोशिश

पुलिस का कहना है कि महिला प्रदर्शनकारियों को पुलिसकर्मियों द्वारा इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी गई थी और शांति के लिए कहा गया था। हालांकि, पुलिस की बात ना मान ब्लैक आर्म बैंड पहने और तख्तियां पकड़े हुए प्रदर्शनकारियों ने तितर-बितर होने से इनकार कर दिया और धरने पर बैठने की कोशिश की।

पोस्ट पेड मोबाइल सेवाएं शुरू की गईं

सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने से पहले लागू मोबाइल सेवाओं पर प्रतिबंध में 72 दिनों के बाद सोमवार को आंशिक राहत दी थी। पोस्ट पेड मोबाइल सेवा सोमवार को दोपहर में शुरू की गईं। हालांकि इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया। अधिकारियों ने बताया कि शाम को करीब पांच बजे एसएमएस सेवाएं भी रोक दी गईं। यह कदम एहतियाती कदम के तौर पर उठाए गए हैं।

प्रीपेड मोबाइल सेवा में लग सकते हैं दो महीने

अधिकारियों ने बताया कि 25 लाख से ज्यादा प्रीपेड मोबाइल फोन और व्हाट्सएप सहित अन्य इंटरनेट सेवाएं फिलहाल बंद रहेंगी। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को कहा था कि इंटरनेट सेवाएं जल्दी ही शुरू की जाएंगी। लेकिन सुरक्षा संगठनों से जुड़े अधिकारियों ने खासी सतर्कता बरतते हुए जो प्रक्रिया अपनायी है, उससे इंटरनेट सेवाएं शुरू होने में दो महीने तक का समय लग सकता है। अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड मोबाइल सेवाएं शुरू करने पर फैसला अगले महीने लिया जा सकता है।

जम्मू में इंटरनेट सेवा पर दोबारा लगी थी रोक

सरकार ने पिछले 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से पहले सभी तरह की संचार सेवाएं बंद कर दी थीं। जम्मू में संचार सेवाएं कुछ दिनों बाद बहाल कर दी गईं और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं मध्य अगस्त में शुरू हो गईं। लेकिन इसका दुरुपयोग होने पर 18 अगस्त को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं दोबारा रोक दी गईं।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad