हैदराबाद। बीआरएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने दोहराया कि धन पैदा करके और इसे लोगों को वितरित करके देश को गुणात्मक विकास की ओर ले जाने के लिए नवीन विचारों के साथ शासन जारी रखने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी केन्द्र के शासक घिसी-पिटी नीति अपनाये हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश के जो शासक विशाल प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने में असमर्थ हैं, वे महिलाओं, किसानों, युवाओं और पेशेवर जातियों जैसे धन पैदा करने वाले अभूतपूर्व मानव संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करने में असमर्थ हैं। केसीआर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस दिशा में दूरदर्शिता की कमी के कारण देश में पर्याप्त विकास नहीं हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री राव ने दोहराया कि बीआरएस पार्टी सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि सभी क्षेत्रों में परिवर्तन लाकर भारत को नया स्वरूप देने के ऊंचे लक्ष्य के साथ गठित एक 'भारत परिवर्तन मिशन' है। महाराष्ट्र से विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों का बीआरएस पार्टी में शामिल होना जारी है। मुख्यमंत्री केसीआर ने मुंबई समेत कई जगहों से आए लोगों को गुलाबी दुपट्टा पहनकर पार्टी में शामिल किया। मुख्यमंत्री ने जल, कोयला समेत देश की जरूरतों से अधिक संग्रहित प्राकृतिक संपदा और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में बताया। उन्होंने केंद्र के सत्ताधारियों पर आरोप लगाया कि वे सात दशक बाद भी इनका सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाये और जनता के समक्ष आंसू बहा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पूछा कि अगर ऐसा हो रहा है तो हम ऐसे विकास का विरोध करने वालों को वोट दे रहे हैं। लोगों में ऐसी पार्टी का नेतृत्व चुनने के प्रति अधिक जागरूकता होनी चाहिए जो जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप काम करे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बीआरएस कार्यकर्ता को इस दिशा में काम करने की जरूरत है। देश के हुक्मरानों की सोच में बदलाव आना चाहिए। काले लोगों के साथ भेदभाव करने वाले अमेरिका ने बराक ओबामा जैसे काले व्यक्ति को देश का राष्ट्रपति बनाकर अपना पाप धो लिया है। उन्होने कहा कि देश में सामाजिक समानता तभी संभव है जब प्रगतिशील और अलग सोच की प्रवृत्ति हो।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि महिलाओं की समान संख्या को रसोई तक सीमित रखने और उन्हें उत्पादक क्षेत्र और धन सृजन में भागीदार नहीं बनाने से देश को नुकसान हो रहा है। महिलाएं युवाओं सहित विभिन्न प्रकार के मानव संसाधनों का समुचित उपयोग करना चाहती हैं। उनकी क्षमताओं को पहचाना जाना चाहिए और उन्हें उत्पादक और गैर-उत्पादक क्षेत्रों में अवसर प्रदान किए जाने चाहिए, न कि केवल उनकी जाति या वर्ग के आधार पर। उन्होंने कहा कि अगर देश को दुनिया के देशों से मुकाबला करना है तो इस तरह के भेदभाव को रोकना होगा और इस दिशा में आमूल-चूल बदलाव करना होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि देश का सभी क्षेत्रों में गुणात्मक विकास बीआरएस पार्टी से ही संभव है।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के नेताओं ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि बीआरएस पार्टी महाराष्ट्र में लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ही में पंडारीपुर दौरे के बाद महाराष्ट्र के सभी दलों के प्रमुख नेताओं की प्रतिक्रिया देखकर साफ है कि वे बीआरएस के बढ़ने से डरे हुए हैं। अब महाराष्ट्र में हर जगह बीआरएस को लेकर चर्चा चल रही है, किसानों, प्रोफेशनल्स और गरीबों के अलावा सभी वर्ग पार्टी को जबरदस्त समर्थन दे रहे हैं। बीआरएस की सदस्यता गांव-गांव तक मजबूत हो रही है। अब महाराष्ट्र की जनता के पास कोई उचित राजनीतिक दल नहीं है, ये सभी बंटी हुई पार्टियां हैं। कांग्रेस भी टूट की स्थिति में है। इस राजनीतिक संकट के समय में, महाराष्ट्र के लोग दृढ़ता से चाहते हैं कि बीआरएस पार्टी तेलंगाना मॉडल के साथ नेतृत्व करे। हम सभी 'अब की बार किसान सरकार' के नारे के साथ आगे बढ़ेंगे।
इस अवसर पर पार्टी में शामिल होने वालों में महाराष्ट्र के पुणे जिले के पूर्व विधायक एल. टी सावंत, दक्षिण मुंबई राकांपा अध्यक्ष मानव वेंकटेश, सीबीआई से सेवानिवृत्त लक्ष्मण राज सनप, नीलेश मधुकर राणे जैसे विश्व चैंपियन खिलाड़ी, जिप सदस्य भगवान सनप, नागपुर राकांपा उपाध्यक्ष, प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. किरण वैद्य, उत्तम राव वाघ, महाराष्ट्र एमबीटी अध्यक्ष अज़हर अहमद, विधायक का चुनाव लड़ने वाले घनश्याम बापू हक्के, पहलवान अप्पासाहेब अखाड़ा, संतोष बिचुकले, सांसद के रूप में चुनाव लड़ने वाले प्रकाश साहू राव बोसले, महाराष्ट्र के कई सेना अधिकारी, वरिष्ठ युवा नेता और मुंबई से वर्शी, बांद्रा तक विभिन्न दलों की कई महिला नेता, पूर्व उच्च अधिकारी, वकील, डॉक्टर और महाराष्ट्र के परभणी और मनवात जैसे जिलों के कई दलों के नेता बीआरएस पार्टी में शामिल हुए हैं। इस अवसर पर बीआरएस नेता गृह मंत्री महमूद अली, सांसद बीबी पाटिल, शंकरन्ना डोंगडे, माणिक कदम, एस वेणुगोपालाचारी, मुंबई धारावी के देवानंद नागेला और अन्य उपस्थित थे।