किसानों के आंदोलन का 32वां दिन और और वे कड़ाके की सर्दी में भी सड़कों पर डटे हुए हैं। किसानों ने सरकार की ओर से आया बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है लेकिन साथ ही वो शर्तें भी रख दी हैं, जिन्हें लेकर ये पूरा घमासान चल रहा है। अब गेंद सरकार के पाले में है. किसानों ने प्रस्ताव के साथ आंदोलन तेज करनी की चेतावनी भी दे दी है। इस बीच सिंघु बॉर्डर पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है, अगर किसान राष्ट्रद्रोही हो गया तो तुम्हारा पेट कौन भरेगा।
केजरीवाल ने कहा कि किसानों की खेती चली गई तो किसान कहां जाएगा, किसानों के पास क्या बचेगा। उन्होंने कहा कि मैं सरकार से अपील करता हूं, इनकी बातें सुनकर कृषि के तीनों क़ानूनों को वापस ले लीजिए।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि अन्ना आंदोलन में हमें बदनाम करते थे, वैसे ही आज किसान को राष्ट्रदोही कह रहे हैं। 70 साल से किसान को सभी ने धोखा दिया। तीन कानून से किसान की खेती छीनना चाहते हैं और पूंजीपतियों को देना चाहते हैं। किसान अपना खेत बचाने के लिए बैठे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार आरोप लगा रही है कि किसानों को गुमराह किया जा रहा हैं। मैं केंद्र सरकार को चुनौती देता हूं, केंद्र सरकार अपने सबसे बड़े नेता को लेकर आ जाए और हमारे किसान नेता आ जाएं और पब्लिक में चर्चा हो जाए, पता चल जाएगा किसको कितनी जानकारी है।
इससे पहले केजरीवाल ने 8 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर जाकर आंदोलनरत किसानों से मुलाकात की थी। इस दौरान सीएम ने एक सेवादार की तरह उनकी सेवा करने की बात कही थी।