अमेरिका की पहली महिला मेलिनिया ट्रंप के दिल्ली के सरकारी स्कूल के दौरे को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मेलिनिया ट्रंप 25 फरवरी को दक्षिणी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में 'हैप्पीनेस क्लास' देखने जाएंगी। सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की सूची से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम हटा दिया गया है। इस पर 'आप' ने जहां मोदी सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, भाजपा ने कहा है कि नाम हटने से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
इस पाठ्यक्रम को दो वर्ष पहले उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की तरफ से लाया गया था। इसका मकसद छात्रों का तनाव कम करना था। 40 मिनट की इन क्लासेज में योगा और ध्यान के अलावा आराम करने और कुछ आउटडोर एक्टिविटीज को भी शामिल किया जाता है। अपने दौरे पर मेलिनिया ट्रंप स्कूलों में चलने वाली हैप्पीनेस क्लासेस को देखेंगी। वह करीब एक घंटे तक वहां रुकेंगी।
भारत सरकार नहीं देती सलाहः भाजपा
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'महत्वपूर्ण अवसरों पर ओछी राजनीति नहीं होनी चाहिए। भारत सरकार अमेरिका को यह सलाह नहीं देती है कि किसे आमंत्रित करें और किसे नहीं। इसलिए हम इस तू तू मैं मैं में नहीं पड़ना चाहते हैं।'
नहीं है आधिकारिक जानकारीः गोपाल राय
वही, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मेलिनिया ट्रंप के सरकारी स्कूल कार्यक्रम में केजरीवाल और सिसोदिया के न जाने को लेकर कहा, 'फिलहाल सरकार के पास इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, न ही इसकी कोई सूचना है।' उन्होंने कहा कि जब तक हमें इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिलती है, तब तक हम इस पर टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हैं।"
मोदी सरकार पर साधा निशाना
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रीति शर्मा मेनन ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बेशक पीएम नरेंद्र मोदी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को आमंत्रण न दें लेकिन उनका काम बोलता है।
लोकतंत्र के लिए अस्वस्थ परंपराः थरूर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इसे लोकतंत्र के लिए अस्वस्थ परंपरा बताया है। थरूर ने ट्वीट कर कहा, आधिकारिक अवसरों के लिए चुनिंदा निमंत्रण भेजने की इस तरह की ओछी राजनीति को मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया, जो हमारे लोकतंत्र के लिए अस्वास्थ्यकर है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के भोज और स्वागत कार्यक्रम से विपक्ष को अलग करना तुच्छ लग सकता है, लेकिन यह भारत को कमजोर करता है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 और 25 फरवरी को दो दिन की भारत यात्रा पर आने वाले हैं और इस दौरान वह अहमदाबाद, दिल्ली, आगरा जाएंगे।