सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कृषि कानूनों पर नियुक्त पैनल की मंगलवार को पहली बैठक हुई। कमेटी के सदस्य अनिल घनवट ने कहा कि पैनल की 21 जनवरी को किसानों और दूसरे हितधारकों के साथ पहली बैठक होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में कमेटी का कोई भी सदस्य अपने व्यक्तिगत विचारों को आड़े नहीं आने देंगे। वे किसी पार्टी या सरकार की तरफ से नहीं हैं।
महाराष्ट्र के शेतकरी संगठन के अध्यक्ष घनवट ने कहा, 'पैनल के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रदर्शनकारी किसानों को बातचीत के लिए तैयार करने की है। हम इसका यथासंभव प्रयास करेंगे।' उन्होंने कहा कि समिति केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा नए कृषि कानूनों पर किसानों और अन्य सभी हितधारकों से बात करेगी।
भूपिंदर सिंह मान के अलग होने पर घनवट ने कहा कि ये समिति सुप्रीम कोर्ट ने बनाई है। इसलिए वो ही तय करेगा कि मान की जगह किसी और को लाया जाएगा या नहीं। उन्होंने कहा कि हमें एक जिम्मेदारी दी गई है और हम इसे ठीक से पूरा करेंगे।
किसान यूनियनों और विपक्षी दलों की तरफ से कमेटी के सदस्यों पर सरकार समर्थक होने के आरोप पर उन्होंने कहा कि हम उन किसानों से अनुरोध करना चाहते हैं, जो हमारे सामने नहीं आना चाहते हैं कि हम न तो किसी पार्टी से हैं और न ही सरकार की तरफ से। हम सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को चार सदस्यीय पैनल का गठन किया था, लेकिन उनमें से एक भूपिंदर सिंह मान ने आंदोलनकारी किसान यूनियनों की तरफ से उनकी भूमिका पर सवाल उठाए जाने के बाद समिति से खुद को अलग कर लिया। कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर लगभग दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक सरकार और किसानों संगठनों के बीच नौ दौर की बातचीत हुई, लेकिन अभी तक इस मामले का कोई समाधान नहीं निकला।