दांग्विमसाई पुल ने दिल्ली में प्रधान न्यायाधीश से अपील करते हुए कहा कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज करना आवश्यक है। केस की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए, प्राथमिक आरोप जजों के उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार के हैं। साठ पेज के सुसाइड नोट में पुल ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ मौजूदा और पूर्व जजों तथा कांग्रेसी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। हिंदी में लिखे इस पत्र में इनके नामों का उल्लेख है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार को अरुणाचल प्रदेश सरकार से धमकी मिलती रही और सलाह दी गई कि वह प्रेस कांफ्रेंस नहीं करें।
उन्होंने कहा कि जब से सुसाइड नोट मीडिया में आया, मुझे, मेरे बच्चों और रिश्तेदारों को कई तरफ से धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। उल्लेखनीय है कि कई महीने की राजनीतिक उठापटक के बाद पुल ने 19 फरवरी, 2016 को मुख्यमंत्री पद संभाला था लेकिन जुलाई में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पद छोड़ना पड़ा था। दांग्विमसाई ने कहा कि मैं पति की मौत की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच तथा भ्रष्टाचार के दोषियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई चाहती हूं।