लखीमपुर हिंसा में आठ लोगों की मौत के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और कई अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ़ मोनू समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एफआईआर बहराइच नानपारा के जगजीत सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई हे। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एफआईआर में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का भी नाम है। धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज हुआ है। आपराधिक षड्यंत्र करने का आरोप है।
वहीं, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने सफाई दी है कि किसानों के बीच छुपे हुए कुछ उपद्रवी तत्वों ने उनकी (भाजपा कार्यकर्ताओं) गाड़ियों पर पथराव किया, लाठी-डंडे से वार करने शुरू किए। फिर उन्हें खींचकर लाठी-डंडों और तलवारों से मारापीटा, इसके वीडियो भी हमारे पास हैं। उन्होंने गाड़ियों को सड़क से नीचे खाई में धक्का दिया। उन्होंने गाड़ियों में आग लगाई, तोड़फोड़ की। मेरा बेटा कार्यक्रम खत्म होने तक वहीं(कार्यक्रम स्थल) था, उन्होंने जिस तरह से घटनाएं की हैं अगर मेरा बेटा वहां(घटनास्थल पर) होता तो वो उसकी भी पीटकर हत्या कर देते।
लखीमपुर खीरी में कुल 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 4 की मौत गाड़ी चढ़ाने से जबकि बाकी बवाल में हुई है। किसानों का आरोप है कि वो कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे थे तब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने उन पर गाड़ी चढ़ा दी। इसके बाद प्रदेश ही नहीं देश भर में बवाल मचा हुआ है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि ''कल लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे।'' उन्होंने बताया कि ''सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है। हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति है।'' बता दें कि लखीमपुर खीरी प्रकरण को लेकर देश भर में किसान संगठनों और कार्यकर्ताओं में आक्रोश है।