मशहूर कवि, गीतकार पद्मभूषण गोपाल दास नीरज का अंतिम संस्कार शनिवार को अलीगढ़ में पूर्ण राजकीय सम्मान से किया गया। प्रदर्शनी मैदान के पास स्थित श्मशान घाट पर उन्हें प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
पूर्व में नीरज की इच्छा के मुताबिक उनके पार्थिव शरीर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को दान किया जाना था। लेकिन लगातार खराब स्वास्थ्य के कारण उनके विभिन्न अंग इस स्थिति में नहीं रह गए थे कि उन्हें चिकित्सा शोध कार्य में इस्तेमाल किया जाता। लिहाजा, परिजन ने ऐन वक्त पर अंतिम संस्कार का फैसला किया।
गौरतलब है कि नीरज का 19 जुलाई को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। उन्हें तबियत खराब होने के बाद आगरा से दिल्ली रेफर किया गया था। उनके पार्थिव शरीर को सुबह दिल्ली से आगरा ले जाया गया। यहां सुबह आठ बजे सरस्वती नगर बल्केश्वर में लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने उन्हें यहां श्रद्धांजलि दी। अखिलेश यादव ने कहा कि अपने गीतों के माध्यम से नीरज हमेशा अमर रहेंगे। समाजवादी पार्टी के प्रदेश की सत्ता में आने के बाद नीरज की स्मृति में इटावा स्थित उनके गांव को यादगार बनाया जाएगा।
लग रहा है ‘नीरज जी’ आज भी हमारे साथ हैं. कुछ लोग कभी नहीं जाते, कहीं नहीं जाते. pic.twitter.com/Fr9jYjsviM
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 21, 2018
कवि कुमार विश्वास और हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा समेत तमाम गणमान्य लोग नीरज के दर्शनों के लिए पहुंचे। आगरा में नीरज की अंतिम यात्रा मे भी सैकड़ों लोग शामिल हुए। कवि सम्मेलन समिति द्वारा तैयार रथ में उनका पार्थिव शरीर रखा गया। इस दौरान उनके लिखे गीत “ऐ भई जरा देखकर चलो” गूंजते रहे। करीब एक किलोमीटर तक अंतिम यात्रा के बाद एंबुलेंस से नीरज की पार्थिव देह को अलीगढ़ ले जाया गया।