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लोकसभाः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगाई पर चर्चा का दिया जवाब, कहा- भारत के मंदी की चपेट में आने का सवाल ही नहीं

लोकसभा में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बढ़ती कीमतों को लेकर जवाब दिया। वित्त...
लोकसभाः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगाई पर चर्चा का दिया जवाब, कहा- भारत के मंदी की चपेट में आने का सवाल ही नहीं

लोकसभा में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बढ़ती कीमतों को लेकर जवाब दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत जिस विकास दर को हासिल करने की उम्मीद कर रहा था, उसमें कमी आई है, लेकिन फिर भी हम सबसे तेजी से विकास कर रहे हैं। महामारी और अन्य वैश्विक मुद्दों के बावजूद, हम अधिकांश देशों की तुलना में बहुत बेहतर कर रहे हैं। देखना होगा कि दुनिया में क्या हो रहा है और भारत दुनिया में क्या स्थान रखता है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में खड़े होने और पहचाने जाने में सक्षम हैं। भारत में मंदी या मंदी की चपेट में आने का कोई सवाल ही नहीं है। कांग्रेस ने महंगाई पर जवाब के बीच ही वॉकआउट कर दिया।

वित्त मंत्री ने कहा कि करीब 30 सांसदों ने आज महंगाई की बात कही, लेकिन बिना डेटा के सब राजनीतिक एंगल से कहा गया। कई सदस्यों ने जो कुछ बातें कही हैं, मुझे लगता है कि ये कीमतों के बारे में डेटा-संचालित चिंताओं के बजाय मूल्य वृद्धि के राजनीतिक एंगल पर अधिक चर्चा थी। उन्होंने कहा कि  श्मशान, अंतिम संस्कार, दफनाने या मुर्दाघर सेवाओं पर कोई जीएसटी नहीं है। उन्हें जीएसटी से पूरी तरह छूट है। श्मशान घाट के लिए किए जा सकने वाले निर्माण पर जीएसटी की मानक दरें लागू होंगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2012-13 में सीपीआई आधारित महंगाई 10.05 फीसदी, 2013-14 में 9.38 फीसदी, 2014-15 में 5.83 फीसदी और 2015-16 में 4.91 फीसदी थी। 2020-2021 में यह 6.16% थी। लेकिन यह 10% की तुलना में कुछ भी नहीं था।

उन्होने कहा कि शनिवार को, रघुराम राजन ने कहा कि "आरबीआईI ने भारत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने, भारत को पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों की समस्याओं से बचाने के लिए अच्छा काम किया है।" भारत को अपने कमजोर पड़ोसियों से अलग करते हुए, रघुराम राजन ने आगे कहा कि "नई दिल्ली कम ऋणी है", इसे एक अच्छा संकेत कहेंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि आज सुबह हमने जुलाई के पूरे महीने के लिए जीएसटी संग्रह की घोषणा की। जुलाई 2022 में, हमने जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक का दूसरा उच्चतम स्तर हासिल किया है - जो 1.49 लाख करोड़ रुपये है। यह लगातार पांचवां महीना है जब कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है।

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