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लोकसभा के कई सदस्यों ने नाराज ओम बिरला से की मुलाकात, अधीर रंजन चौधरी बोले, "हम स्पीकर साहब के मुरीद हैं"

मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही सदन के बार बार स्थगित होने पर नाराज़गी जताते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने...
लोकसभा के कई सदस्यों ने नाराज ओम बिरला से की मुलाकात, अधीर रंजन चौधरी बोले,

मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही सदन के बार बार स्थगित होने पर नाराज़गी जताते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को कार्यवाही की अध्यक्षता नहीं की। इसपर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को सभापति से आग्रह किया कि वह उनसे (ओम बिरला) सदन की अध्यक्षता फिर से शुरू करने का अनुरोध करें।

अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा की बैठक शुरू होने के तुरंत बाद यह अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, एनसीपी की सुप्रिया सुले, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, बीएसपी के रितेश पांडे, बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल, टीएमसी के सौगत रॉय, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और डीएमके की कनिमोझी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उनसे सदन में आने का आग्रह किया और अध्यक्ष पद की गरिमा बनाए रखने का आश्वासन दिया।

 

 

इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने सभापति से कहा, "वह विश्वास के साथ कह सकते हैं कि सदन का प्रत्येक सदस्य अध्यक्ष का बहुत सम्मान करता है और उनकी प्रशंसा करता है। सारे सदस्य स्पीकर साहब के मुरीद हैं। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं। कृपया उन्हें बुलाएं, वह हमारे संरक्षक हैं।"

 

 

अध्यक्ष के रूप में मौजूद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वह चौधरी की भावनाओं से अध्यक्ष को अवगत कराएंगे। विपक्षी दल मणिपुर की स्थिति पर बहस से संबंधित अपनी मांगों को लेकर लोकसभा में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, नारे लगा रहे हैं और तख्तियां प्रदर्शित कर रहे हैं। वे इस बात पर भी दबाव डाल रहे हैं कि सदन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करे। सदन के मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से सदन को बार-बार स्थगन का सामना करना पड़ा है।

 

एएनआई ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से बताया था कि अपनी नियमित अपील के बावजूद हंगामेदार दृश्यों को देखते हुए, अध्यक्ष ने तब तक लोकसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करने से परहेज करने का फैसला किया, जबतक सभी सदस्य सदन की गरिमा के अनुरूप व्यवहार नहीं करते।

 

बुधवार को जब संसद दोबारा शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कुर्सी पर नहीं थे। सूत्रों के मुताबिक, ओम बिरला ने सदन के कामकाज को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से गहरी नाराजगी जताई है। मणिपुर हिंसा से संबंधित विपक्षी दलों की मांगों को लेकर सदन को गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान एक बार फिर स्थगन का सामना करना पड़ा।

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