13 मई को 'मदर्स डे' मनाया जा रहा है। अक्सर कहा जाता है कि मां को सिर्फ एक दिन तक ही सीमित क्यों किया जाए लेकिन चीजों का सांकेतिक महत्व होता है। जिसकी वजह से हम दुनिया में हैं, उसे एक दिन मिलकर 'थैंक्यू' कहना तो बनता है।
मां सिर्फ वही नहीं हैं जो बच्चे को जन्म देती हैं बल्कि वो महिलाएं भी हैं, जो अनाथ बच्चों के सिर पर मां की तरह ही हाथ फेरती हैं।
ऐसी ही एक महिला हैं, जसवीर कौर। जसवीर कौर पंजाब के लुधियाना की रहने वाली हैं और अनाथ बच्चों के लिए अनाथाश्रम चलाती हैं।अनाथाश्रम का नाम 'स्वामी गंगानंद भुइयरवाला बाल घर' है। ये अब 450 बच्चों का घर है और जसवीर उनकी ‘मां’ हैं। जसवीर ने 2003 में इसकी शुरुआत की थी। जसप्रीत कहती हैं कि उन्होंने इस काम के लिए शादी नहीं की। जब उन्होंने अपने घर वालों को इस निर्णय के बारे में बताया तो उन्हें बहुत ताज्जुब हुआ। उन्हें झटका लगा।
जसवीर कहती हैं कि मैं अनाथ बच्चों को बड़ा करना चाहती थी। मैं समाज के लिए एक उदाहरण पेश करना चाहती थी।
जसवीर इन बच्चों के साथ ही रहती हैं, उन्हें खाना खिलाती हैं, उन्हें पालती हैं, कहानियां सुनाती हैं, और उनकी हर एक बात सुनती हैं।
उनके पास हर उम्र के बच्चे हैं जो अपने मां-बाप को खो चुके हैं। उन्होंने बच्चों के खेलने के लिए बाल घर के खुले एरिया में प्लेग्राउंड भी बनाया है, जहां कई तरह के झूले लगे हैं। यहां अक्सर शाम को बच्चे खेलते हुए दिखते हैं।
मदर्स डे पर जसवीर कौर जैसी ‘मां’ को सलाम।