पाबंदी टिकटॉक पर! यह खबर इतनी हैरान करने वाली थी कि मध्य प्रदेश के नीमच में खेतों में मजदूरी करने वाले 23 साल के उदय सिंह तो रात भर सो नहीं पाए। वे कहते हैं, “मैं आज जो भी हूं, टिकटॉक से हूं, मेरे 1.4 करोड़ फॉलोअर हैं, उसने जो पहचान दी है, वह मैं भूल नहीं सकता।” टिकटॉक से अपनी पहचान बनाने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है। बात चाहे धनबाद में रहने वाले भाई-बहन सनातन महतो और सावित्री कुमार की हो या फिर टिकटॉक की लोकप्रियता से राजनीति में एंट्री पाने वाली सोनाली फोगाट की, सभी के लिए यह बड़ा झटका है। असल में पिछले तीन साल में टिकटॉक आम आदमी के लिए ऐसा जरिया बन गया, जो उन्हें खास बनाता है। ऐसे ही टिकटॉक स्टार सुमित जैन कहते हैं, “आप एक छोटे-से गांव में रह कर भी पूरे देश को अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं। मेरे 38 लाख फॉलोअर हैं। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी ऐसी लोकप्रियता नहीं मिल सकती है।” जाहिर है, टिकटॉक ने ऐसे लोगों को लोकप्रियता के शिखर पर बैठाया है, जिसे वे सपने भी नहीं सोच सकते थे।
देश के बेहद आम और खासकर निचले तबके के लोगों पर टिकटॉक का कुछ ऐसा जादू छाया कि रोज वीडियो के लिए आइडिया सोचना, उसे शूट करना और फिर अपलोड कर लोगों के रिएक्शन का इंतजार करोड़ों की संख्या में लोग करते हैं। असल में इसको इस्तेमाल करना इतना आसान है कि किसी पढ़ाई-लिखाई या टेिक्नकल जानकारी की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए निरक्षर आबादी के लिए भी लोकप्रियता हासिल करने का यह जरिया बन गया। लेकिन चीन से लद्दाख में सीमा पर विवाद और सैनिकों के बीच भिड़ंत के बाद 29 जून को केंद्र सरकार ने सुरक्षा का हवाला देकर 59 चीनी ऐप पर पाबंदी लगा दी। सरकार का दावा है, “एंड्रॉयड और आइओएस पर ये चीनी ऐप लोगों के निजी डेटा में सेंध लगा रहे थे। इन ऐप पर पाबंदी से भारत के मोबाइल और इंटरनेट उपभोक्ता सुरक्षित होंगे। यह कदम भारत की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के लिए जरूरी है।” सरकार के इस फैसले ने देश के 12 करोड़ एक्टिव टिकटॉक यूजर को बड़ा झटका दिया है। झटका इसलिए क्योंकि टिकटॉक ने उन्हें न केवल स्टार बनाया है बल्कि उनकी कमाई का रास्ता भी खोला है।
हालांकि सभी सरकार के फैसले के साथ खड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब बात देश की आती है, तो इन सबके कोई मायने नहीं हैं, हम अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए दूसरे प्लेटफॉर्म का सहारा लेंगे। जैसे टिकटॉक स्टार पारुल चौधरी ने वीडियो ज़ारी करके सार्वजनिक तौर पर अपने फोन से टिकटॉक और हेलो ऐप डिलीट किया है, वहीं भाजपा में शामिल हो चुकी सोनाली फोगाट ने टिकटॉक छोड़ने की बात कही।
टिकटॉक दीवानगी
असल में टिकटॉक लोकप्रियता के साथ-साथ कमाई का भी जरिया बनता जा रहा था। यही कारण है कि भारत में तेजी से इसके ग्राहक बढ़े। मोबाइल ऐप इंटेलिजेंस पर काम करने वाली कंपनी सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक भारत में टिकटॉक को 61.1 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। यानी, दुनिया में टिकटॉक डाउनलोड करने वाला हर तीसरा शख्स भारतीय है। भारत में टिकटॉक के मंथली एक्टिव यूजर की संख्या 12 करोड़ के करीब है। यह संख्या खुद टिकटॉक के देश चीन से भी ज्यादा है। दुनिया के कुल डाउनलोड में अकेले 30.3 फीसदी भारत में हैं, जबकि चीन में 9.7 फीसदी कुल डाउनलोड किए गए हैं।
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार, टिकटॉक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम पर किसी यूजर के 50 लाख से एक करोड़ फॉलोअर बन जाते हैं, तो वह ए कैटेगरी के इन्फ्लुएंशर में शामिल हो जाता है। इसका फायदा उसे मोटी कमाई के रूप में होता है। अकेले टिकटॉक के जरिए प्रति ब्रांड 5-6 लाख रुपये कमाए जा सकते हैं। एक इन्फ्लुएंशर के अनुसार, बड़ी कंपनियां प्रोडक्ट प्रमोशन के लिए फॉलोअर की संख्या पर ध्यान देती हैं। जितने ज्यादा फॉलोअर होंगे, उतना ही कंपनियों को लगता है कि उनका प्रोडक्ट प्रमोशन अच्छा होगा।
कमाई का जरिया
ऐसा नहीं है कि केवल टिकटॉक से उसके यूजर को ही फायदा हो रहा है। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस अरबों रुपये की कमाई दुनिया भर में कर रही है। टिकटॉक को दुनिया में दो अरब बार डाउनलोड किया गया है। टिकटॉक के जरिए होने वाली कमाई का खुलासा एनट्रैकर की रिपोर्ट करती है। उसके अनुसार, कंपनी ने अब तक 45 करोड़ डॉलर (रेवेन्यू) की कमाई की है। इसमें से उसे 43.5 करोड़ डॉलर की कमाई एेप स्टोर से जबकि 2.14 करोड़ डॉलर की कमाई प्ले स्टोर से हुई है। कंपनी की कुल कमाई का 72 फीसदी हिस्सा चीन से आता है, जबकि उसके बाद उसकी कमाई के बड़े स्रोत अमेरिका और ब्रिटेन हैं। वहीं, भारत से कंपनी को दिसंबर 2019 तक केवल 23-25 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। जाहिर है कि भारत अभी कंपनी के लिए कमाई का बड़ा जरिया नहीं बना है।
लेकिन भारत सरकार के प्रतिबंध के बाद चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जिस तरह से भारत में पिछले चार-पांच महीने में टिकटॉक के यूजर बढ़े हैं, उसे देखते हुए लंबी अवधि में बाइटडांस को 45 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। इसके पहले अप्रैल 2019 में एक हफ्ते के लिए टिकटॉक पर पाबंदी लगाई गई थी। उस वक्त बाइटडांस के मुताबिक, भारत में उसे हर रोज पांच लाख डॉलर का नुकसान हुआ था।
ग्लोबल टाइम्स जिस नुकसान की बात कर रहा है, उसे जनवरी से मई तक के आंकड़ों में समझा जा सकता है। सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में भारत में 3.57 करोड़ डाउनलोड तो फरवरी में 4.66 करोड़, मार्च में 3.39 करोड़, अप्रैल में 2.35 करोड़ और मई में 2.22 करोड़ डाउनलोड्स किए गए हैं। जाहिर है, बढ़ती यूजर संख्या भी भारी नुकसान की ओर इशारा कर रही है। बढ़ते यूजर के मद्देनजर ही कंपनी ने जुलाई-सितंबर की तिमाही में 100 करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य रखा था।
जाहिर है, अगर यह प्रतिबंध लंबे समय तक रहा तो टिकटॉक भारत में एक बड़ा बाजार खो देगा। इसीलिए कंपनी को सफाई के लिए भी सामने आना पड़ा है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि सरकार के आदेश का पालन किया जा रहा है, लेकिन उसकी तरफ से किसी भी भारतीय यूजर की जानकारी किसी भी दूसरे देश के साथ साझा नहीं की गई है, यहां तक कि चीन के साथ भी साझा नहीं। टिकटॉक के इंडिया हेड निखिल गांधी ने कहा, “भारत सरकार ने 59 ऐप ब्लॉक करने का अंतरिम आदेश दिया है, जिसमें टिकटॉक भी शामिल है, हम इस आदेश का पालन करने की प्रक्रिया में हैं। हमें सरकार के संबंधित विभागों की तरफ से बुलाया गया था और सफाई देने का मौका दिया गया था।” निखिल गांधी ने यह भी कहा, “हम यूजर की निजता और उसके सम्मान को सबसे ऊपर रखते हैं।” लेकिन कंपनी के लिए इस बार की चुनौती आसान नहीं है। क्योंकि बात भारत और चीन के बिगड़ते संबंधों की है। विरोध अब लोगों के स्तर तक पहुंच गया है। देश के कई क्षेत्रों में “बॉयकाट चीन” नाम से प्रदर्शन हो रहे हैं। इन परिस्थितियों में यह लड़ाई लंबी खिचती भी दिख रही है, जिसका सीधा फायदा भारतीय ऐप कंपनियों को मिलता दिख रहा है।
भारतीय कंपनियों को बड़ा बूस्ट
टिकटॉक सहित चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध के बाद, इन ऐप को जल्द ही आइओएस और प्ले स्टोर से हटा दिया गया। इसका असर यह हुआ कि भारतीय ऐप चिंगारी, रोसोपो, बोलो इंडिया, मित्रों आदि के बहुत तेजी से डाउनलोड बढ़ गए। चिंगारी ऐप के सीईओ सुमित घोष के ट्वीट से ही पूरी दास्तां समझ में आ जाती है। उन्होंने 29 जून को ट्वीट किया कि चीन जो पश्चिमी देशों के साथ करता है, वैसा ही अब हमने किया है। दो जुलाई तक चिंगारी को 1.26 करोड़ यूजर ने डाउनलोड कर लिया था। यही नहीं, हर आधे घंटे पर 10 लाख वीडियो व्यूज आ रहे थे। बढ़ते यूजर पर घोष ने बताया, “सरकार के फैसले के बाद हमारी टीम लगातार काम कर रही है। सर्वर क्रैश हो गया, हम मुश्किल से दो घंटे सो पा रहे थे।” चिंगारी जैसा ही हाल दूसरे भारतीय ऐप बोलो इंडिया, मित्रों और रोपोसो का भी रहा है।
बिसबो इंडिया के फाउंडर और क्रिएटर शकीर इब्राहीम का कहना है, “टिकटॉक पर प्रतिबंध से इन्फ्लुएंशर और दर्शकों का तेजी से दूसरे वीडियो प्लेटफॉर्म पर झुकाव बढ़ेगा। इसका फायदा भारतीय कंपनियों के साथ-साथ यूट्यूब, इंस्टाग्राम और शेयरचैट को भी मिलने वाला है। टिकटॉक अपने छोटे-छोटे वीडियो की वजह से लोकप्रिय हुआ, यही फायदा मित्रों, चिंगारी और रोपोसो जैसे भारतीय ऐप को भी मिलने वाला है। इसके पहले अप्रैल 2019 में टिकटॉक पर बच्चों पर यौन उत्पीड़न, पॉर्नोग्राफी को बढ़ावा देने का आरोप लगा था, जिसके बाद कंपनी ने जरूरी कदम उठाने की बात कही, तो प्रतिबंध हटा लिया था। ऐसे में, इस बार भी ऐसी आशंका है कि वह न्यायालय को समझाने में सफल हो सकता है कि उसके जरिए भारतीय यूजर के डाटा को कोई खतरा नहीं है।
चिंगारी की तरह टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध का फायदा बोलो इंडिया को भी मिला है। कंपनी के सह संस्थापक वरुण सक्सेना ने बताया, “चीनी ऐप पर प्रतिबंध के 24 घंटे बाद बोलो इंडिया ऐप का इस्तेमाल करने वाले यूजर की संख्या में काफी तेजी आई है। ऐप को ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। 87 प्रतिशत यूजर ने इस ऐप पर साइनअप कर वीडियो बनाए हैं। जून में बोलो इंडिया ऐप पर 1.27 करोड़ वीडियो बनाए गए। टिकटॉक प्रतिबंध लगने के 24 घंटे के अंदर 6.37 लाख वीडियो बने। इसके साथ ही वीडियो कंटेंट बनाने में 70 लाख घंटों की खपत हुई। इसमें कई यूजर टिकटॉक के एजुटेक सेगमेंट के यूजर पहले रह चुके हैं। यह ऐप यूजर को 10 भारतीय भाषाओं में कंटेंट क्रिएट करने, वीडियो बनाने और उसे शेयर करने की इजाजत देता है। 5.2 लाख एक्टिव मेंबर्स और 2.9 लाख डेली यूजर्स इस ऐप पर हर दिन 39 मिनट से ज्यादा समय बिता रहे हैं। साथ ही ऐप के जरिए 30 हजार रुपये प्रति महीने से ज्यादा की कमाई का मौका भी मिल सकता है। इसी तरह रोपोसो के पांच करोड़ से ज्यादा, मित्रों के एक करोड़ से ज्यादा और शेयरचैट के 10 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं।
रोजगार का भी सवाल
एक बड़ा सवाल 59 चीन ऐप पर प्रतिबंध से भारत में काम कर रहे इन कंपनियों के कर्मचारियों के भविष्य पर भी उठ रहा है। हालांकि, इसको लेकर इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि भारत से ज्यादा चीन में इन कंपनियों में कर्मचारी काम कर रहे हैं। ऐसे में, थोड़ा असर भारतीय कर्मचारियों पर भी होगा। लेकिन जिस तरह से भारतीय ऐप को रिस्पांस मिला है, ऐसे में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिलेंगे। जैसे-जैसे इकोसिस्टम डेवलप होता जाएगा, वैसे-वैसे यह समस्या कम होती चली जाएगी।
एक भारतीय स्टार्टअप कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि चीन की कंपनियों पर प्रतिबंध लगने के बाद भारतीय ऐप कंपनियों को बड़ा मौका तो मिल गया है। लेकिन अगर आप टिकटॉक जैसा बनना चाहते हैं तो केवल तकनीक काफी नहीं है। इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश की भी जरूरत होगी, क्योंकि टिकटॉक की सफलता का एक बड़ा राज उसकी मार्केटिंग है। चीनी ऐप हेलो से पहले भारत में शेयरचैट था, इसी तरह टिकटॉक से पहले क्लिप ऐप मौजूद था, लेकिन ये कंपनियां चीनी कंपनियों की मार्केटिंग के आगे पिछड़ गईं। अगर भारत के स्टार्टअप में निवेश की बात देखी जाए, तो वहां भी चीनी कंपनियों का बोलबाला है। वेंटर इंटेलीजेंस की रिपोर्ट के अनुसार ओला, स्विगी, पेटीएम मॉल, पॉलिसी बाजार, ड्रीम-11, जोमैटो, बायजू जैसी कंपनियों में चीनी निवेशकों ने भारी मात्रा में निवेश किया हुआ है। अगर भारत-चीन के रिश्ते खराब होते हैं, तो नए निवेश पर भी असर दिखेगा। ऐसे में, देखना यही है कि भारतीय स्टार्टअप निवेश के लिए पैसे कहां से जुटाते हैं, क्योंकि उनकी सफलता की सबसे बड़ी कुंजी वही है।
डाटा वॉर में भारत
भारत के फैसले से चीन भी तिलमिला उठा है और उसने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में जाने तक की धमकी दे डाली है। असल में 59 ऐप के प्रतिबंध का मामला जितना बाहर से दिखाई देता है, उससे भी ज्यादा पर्दे के पीछे की लड़ाई है, जिसमें अमेरिका और चीन आमने-सामने हैं। यह लड़ाई डाटा की है। असल में दुनिया भर में यह माना जा रहा है कि 21वीं सदी उसी देश की होगी, जिस पर डाटा का एकाधिकार होगा। 21वीं सदी में डाटा वही भूमिका निभाएगा, जैसे 20वीं सदी में कच्चे तेल ने निभाई है। इसीलिए आर्थिक शक्ति बने रहने के लिए अमेरिका और चीन में 5जी के बाजार को हथियाने के लिए होड़ मची हुई है। इस लड़ाई में भारत दोनों देशों के लिए बहुत बड़ा बाजार है। मौजूदा समय में ही भारत में 45 करोड़ स्मार्टफोन ग्राहक हैं। ऐसे में, सोचिए अगर भारतीय स्मार्टफोन में चीन के ऐप नहीं होंगे, तो वह कितने बड़े बाजार से महरूम रह जाएगा। बात केवल यहीं तक सीमित नहीं है, चीन के हाथ से बाजार फिसलने का सबसे बड़ा फायदा अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों को ही मिलेगा।
पश्चिमी देशों की कंपनियों के पौ-बारह
टेलीकॉम विशेषज्ञ आर.के. उपाध्याय के अनुसार, “5जी तकनीक पर अधिकार के लिए अमेरिका और चीन की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। सरकार ने भी अब भारत-चीन के बढ़ते तनाव के बीच चीनी कंपनियों से दूरी बना ली है। ऐसे में, इस प्रतिबंध का फायदा पश्चिमी देशों की कंपनियों को ही मिलेगा। यह लड़ाई इसलिए गंभीर है, क्योंकि आने वाले समय में 5जी पूरी दुनिया को बदल देगा। गवर्नेंस से लेकर आम आदमी के घर पर भी तकनीक का कब्जा होगा। ऐसे में, अगर 125 करोड़ आबादी वाले भारतीय ऐप बाजार से चीन का स्थायी रूप से बहिष्कार हो गया, तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” साफ है कि भारत-चीन सीमा विवाद अब बाजार तक पहुंच गया है। यह लड़ाई कितनी दिनों खिंचेगी, इसका आकलन अभी मुश्किल है। ऐसे में, भारतीय कंपनियों के पास खाली हुए बाजार का फायदा उठाने का मौका है। अब यह सरकार और कंपनियों को देखना है कि यूजर के रूप में उनके तैयार बैठे भारतीय उपभोक्ताओं को कैसे वह टिकटॉक, कैमस्कैनर, शेयरइट जैसे चीन के ऐप से बेहतर विकल्प मुहैया कराती हैं।
इनपुट सलीक अहमद
रियाज अली
टिकटॉक पर सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले भारतीयों की सूची में रियाज अली का नाम प्रमुख है। टिकटॉक पर उनके करीब 4.29 करोड़ फॉलोअर हैं। फॉलोअर्स की संख्या को देखते हुए रियाज दुनिया के छठे सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले टिकटॉक स्टार हैं। रियाज का जन्म भूटान में हुआ था। अभी वह अपने माता-पिता के साथ मुंबई में रहते हैं।
फैजल शेख
फैजल शेख को उनके फैन्स मिस्टर फैसू के नाम से जानते हैं। फैजल टिकटॉक के जरिए अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। उनका म्यूजिक वीडियो बेवफाई, चार हफ्ते में तीन करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है। टिकटॉक पर मिस्टर फैसू को करीब 3.16 करोड़ लोग फॉलो कर रहे हैं। अपनी फैन फॉलोइंग की वजह से वह दुनिया के दसवें सबसे लोकप्रिय टिकटॉक स्टार हैं।
अरिश्फा खान
स्टार प्लस के टेलीविजन शो ‘एक वीर की अरदास वीरा’ में गुंजन का किरदार निभाने वाली अरिश्फा खान को टिकटॉक पर करीब 2.33 करोड़ लोग फॉलो कर रहे हैं। अरिश्फा का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर हुआ।
जन्नत जुबैर रहमानी
लव का दि एंड और हिचकी जैसी फिल्मों में काम कर चुकी जन्नत जुबैर रहमानी एक लोकप्रिय अभिनेत्री हैं। जन्नत दिल मिल गए, माटी की बानो और फुलवा जैसे टेलीविजन शो में अभिनय कर चुकी हैं। टिकटॉक पर जन्नत को 2.80 करोड़ लोग फॉलो कर रहे हैं।
निशा गुरगैन
निशा गुरगैन एक उभरती टिकटॉक स्टार हैं. ‘मुझे याद है आता तेरा वो नजरे मिलाना’ गाने से निशा ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। निशा को टिकटॉक पर 2.27 करोड़ लोग फॉलो कर रहे हैं। वह टिकटॉक पर लिपसिंक परफॉर्मेंस की वजह से काफी लोकप्रिय हैं
समीक्षा सूद
समीक्षा के टिक टॉक पर 2.0 करोड़ फॉलोअर्स हैं, जबकि इंस्टाग्राम पर उनके फॉलोअर्स की संख्या 20 लाख से अधिक है। उन्होंने टीवी सीरियल बाल वीर में अपने एक्टिंग के जौहर दिखाए हैं। समीक्षा ने कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई की है।
टिकटॉकः वीडियो शेयरिंग सोशल नेटवर्किंग सेवा है, जिसे चीन की बाइटडांस कंपनी मुहैया कराती है। टिकटॉक के लिए भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। मौजूदा समय में टिकटॉक के लगभग 12 करोड एक्टिव यूजर हैं। टिकटॉक के लगभग 35 फीसदी ग्राहक भारत में ही मौजूद हैं।
बीगो लाइवः यह भी चीन की लाइव स्ट्रीमिंग एप्लीकेशन है, जिसमें ग्राहक लाइव कंटेंट बना भी सकते हैं और कंटेंट का उपभोग भी कर सकते हैं। इस एप्लीकेशन के भी भारत में एक करोड़ से ज्यादा यूजर हैं।
हेलोः यह एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। भारत में इसके पांच करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर बताए जाते हैं। 14 भारतीय भाषाओं में यह एप्लीकेशन मिलता है।
लाइकेः चीन की सोशल मीडिया कंपनी जॉय इंक इस एप्लीकेशन की मालिक है। भारत में इसके आठ करोड़ से ज्यादा मासिक एक्टिव यूजर बताए जाते हैं।
शेयरइटः चंद सेकेंड में फाइल ट्रांसफर करने वाला यह एप्लीकेशन भी चीन का ही है। इसकी इसी खासियत के चलते भारत में इसके 20 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर हैं।
जेंडरः यह भी एक फाइल शेयरिंग एप है जो शेयर इट के मुकाबले दोगुनी स्पीड से फाइल ट्रांसफर करता है। इसी खासियत के चलते इसके भारत में 20 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर है।
क्लब फैक्ट्रीः चीन का लाइफस्टाइल ई-कॉमर्स ब्रांड क्लब फैक्ट्री भारत में काफी मशहूर है। इसी के चलते इसके 10 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर हैं।
कैम स्कैनरः मोबाइल डिवाइस को इमेज स्कैनर के तौर पर इस्तेमाल करने की सहूलियत देता है। इसकी इसी खासियत के चलते भारत में इसके 10 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर हैं।
ब्यूटी प्लसः यह सेल्फी कैमरा और फोटो एडिटिंग एप्लीकेशन है जोकि एंड्रॉयड यूजर्स इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत में इसके 10 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर बताए जाते हैं।
यूसी ब्राउजरः यह वह वेब ब्राउजर है, जिसने भारत में गूगल क्रोम को भी पीछे छोड़ दिया है। भारत में आज की तारीख में इसके 13 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर हैं।