मालेगांव विस्फोट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को जमानत दे दी है। कोर्ट की तरफ से इस मामले में जिन आरोपियों को सजा मिली है उनमें लोकेश शर्मा, धन सिंह, राजेंद्र चौधरी और मनोहर नरवारिया शामिल हैं। 2006 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस में यह चारों आरोपी हैं। स्पेशल कोर्ट इस मामले में नियमित सुनवाई कर रहा है। इस मामले में प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत कुल सात अरोपित हैं।
मध्य प्रदेश के भोपाल से सांसद चुने जाने के बाद प्रज्ञा ठाकुर पिछले सप्ताह मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट में पेश हुईं थीं। कोर्ट में जज के सवालों के जवाब में उन्होंने कोई जानकारी नहीं होने की बात कही थी। मालेगांव में हुए बम धमाकों पर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे कुछ पता नहीं है। कोर्ट ने पिछले सप्ताह ही धमाकों के सभी आरोपियों को सप्ताह में कम से कम 1 बार पेश होने का निर्देश दिया था। गुरुवार को खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रज्ञा कोर्ट में पेश नहीं हुई थीं।
'मुझे कुछ नहीं पता'
इससे पहले सुनवाई के दौरान विशेष एनआईए जज ने प्रज्ञा ठाकुर से पूछा कि अब तक जितने भी गवाहों से पूछताछ हुई है, उनसे यह निकलकर सामने आया है कि 29 सितंबर 2008 को विस्फोट हुआ था। इस बारे में आपको क्या कहना है? इसके जवाब में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मैं कुछ नहीं जानती। कोर्ट में जज ने जब भोपाल से बीजेपी सांसद से पूछा कि क्या आपको पता है या आपके वकील ने आपको सूचना दी है कि अब तक कुल कितने गवाहों से पूछताछ हो चुकी है? इस पर उन्होंने फिर कहा, 'मुझे कुछ नहीं पता।'
इससे पहले कोर्ट में पेश नहीं हुई थीं प्रज्ञा
इससे पहले ठाकुर ने कहा था कि उनका स्वास्थ्य खराब है, इसलिए वह कोर्ट में पेश नहीं हो सकती हैं। खराब स्वास्थ्य के कारण कोर्ट में पेश नहीं होने वाली प्रज्ञा ठाकुर गुरुवार को ही राजपूत समाज के एक कार्यक्रम में पहुंची थीं। उनकी निकट सहयोगी संध्या ने बताया कि दीदी प्रज्ञा अस्वस्थ हैं। उन्हें बुधवार को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। संध्या के दावे के विपरीत प्रज्ञा ठाकुर गुरुवार को महाराणा प्रताप की जयंती पर राजपूत समाज के एक कार्यक्रम में शामिल हुईं।
सप्ताह में एक बार कोर्ट में पेश होने का आदेश
एनआईए कोर्ट ने ब्लास्ट के सभी आरोपियों को सप्ताह में कम से कम एक बार कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। प्रज्ञा फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर बाहर हैं। प्रज्ञा के खिलाफ अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट के तहत मुकदमा चल रहा है।
भोपाल से सांसद बनीं प्रज्ञा
अप्रैल 2017 में साध्वी प्रज्ञा को 9 साल कैद में रहने के बाद सशर्त जमानत दी गई थी। इसके बाद 30 अक्टूबर 2018 को कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी 7 पर आतंकी साजिश और हत्या के आरोप तय किए गए थे। प्रज्ञा ने भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बन गईं। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को 3,64,822 वोटों के अंतर से हराया।