मध्य प्रदेश के धार जिले में सिपाही भर्ती के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों के सीने पर ‘एससी-एसटी’ लिखने के मामले की बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसी जातिवादी और घृणित घटना के लिए दोषी अधिकारियों को तत्काल दंडित किया जाना चाहिए।
पीटीआई के मुताबिक, मायावती ने कहा कि, "इस मामले के संबंध में केंद्र सरकार को सभी राज्यों को सख्त आदेश जारी करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति कहीं और न होने पाए।" उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों से दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों पर भारी जुल्म, अन्याय और शोषण की खबरें लगातार आती रहती हैं।
मायावती ने कहा, "जातिवादी और घृणित घटनाओं पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप्पी साधे रहते हैं। क्या इन घटनाओं की भर्त्सना नहीं करना शोभा देता है?"
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी की केन्द्र और राज्य सरकारों में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के प्रति जातिवादी और द्वेषपूर्ण रवैये की वजह से दलित धर्म परिवर्तन तक करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहरण गुजरात के ऊना दलित काण्ड के पीड़ित परिवारों का है, जिन्होंने सामूहिक तौर पर हिन्दू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लि़या।
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री और बीजेपी नेताओं ने वोटों के स्वार्थ और मीडिया में प्रचार के लिए दलितों के घर जाने का नया फैशन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी यही करती थी, लेकिन इससे दलितों के जीवन स्तर में बदलाव नहीं आने पर इनकी काफी किरकिरी हो रही है।
दिए गए जांच के आदेश
बता दें कि इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में इस तरह की खबर उन्हें पहले कभी नहीं मिली।
वहीं, इसी मामले में पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा कि हर वर्ग के लिए शारीरिक माप के मापदंड अलग-अलग होते हैं। इसलिए ऐसी पहचान करना होती है। पन्ना जिले में एक आरक्षित वर्ग की महिला प्रत्याशी की माप में गड़बड़ी हो गई थी इसलिए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया था। फिर भी मामले की जांच कराएंगे।
क्या है पूरा मामला?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला अस्पताल में आरक्षक के चयन के लिए बीते बुधवार से अभ्यर्थियों का मेडीकल परीक्षण शुरू हुआ था। इसके तहत सभी अभ्यर्थियों के सीने पर उनकी जातियों को लिख दिया गया था।
कहा जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ऊंचाई नापने में किसी प्रकार की गफलत पैदा न हो।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में आरक्षक की भर्ती में सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 168 सेंटीमीटर ऊंचाई निर्धारित है जबकि एससी एसटी वर्ग के लिए 165 सेंटीमीटर ऊंचाई तय की गई है।