मेडिकल एडमिशन घोटाला मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इस घोटाले में उनके खिलाफ सबूत मिलने के बाद तीन जजों के इन-हाउस पैनल ने जस्टिस शुक्ला को दोषी माना है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पैनल द्वारा जस्टिस एसएन शुक्ला को पद से हटाने की सिफारिश को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है। पैनल की सिफारिश को स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने जस्टिस शुक्ला को इस्तीफा देने या स्वेच्छा से रिटायरमेंट लेने का विकल्प दिया था, लेकिन जस्टिस शुक्ला ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। अब वो लंबी छुट्टी पर चले गए। जस्टिस श्रीनारायण शुक्ला ने 90 दिनों की छुट्टी के लिए पिछले हफ्ते यूपी के राज्यपाल राम नाईक को एप्लिकेशन दी है।
CJI का आदेश
चीफ जस्टिस ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को तत्काल प्रभाव से सभी न्यायिक कामों को जस्टिस शुक्ला से लेने के निर्देश दिए हैं। सीबीआई भी जस्टिस शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज करेगा।
जस्टिस शुक्ला पर आरोप
जस्टिस एसएन शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद एक मेडिकल कॉलेज में छात्रों को दाखिले की अनुमति दी। हाईकोर्ट द्वारा ऐसा आदेश पारित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी थी। बता दें कि ऐसे ही एक मामले में उड़ीसा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दूसी के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है। उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज के नाम पर रिश्वत लेने की कोशिश की थी।
तीन जजों के पैनल ने की जांच
शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए तीन जजों के इन-हाउस पैनल का गठन किया गया। इस पैनल में मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी, सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस.के अग्निहोत्री और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी.के जायसवाल श्ाामिल थे।