जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची से गैंगरेप पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने की अपील की है। उम्मीद की जा रही है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन से 90 दिनों में ट्रायल पूरा हो जाएगा और दोषियों को सजा मिल सकेगी। वहीं, पीडीपी सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पुलिसकर्मियों को सर्विस से निकाला जा रहा है।
J&K CM Mehbooba Mufti to request J&K HC Chief Justice for establishment of special fast track court for #KathuaRapeCase, which will be the first in the state & is expected to complete trial in 90 days; accused Policeman are being terminated from service, say PDP sources.
— ANI (@ANI) April 14, 2018
इससे पहले सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि कि सरकार बच्चियों के साथ होने वाले यौन शोषण को रोकने को लेकर प्रतिबद्ध है और इसके लिए मौत की सजा का प्रावधान वाला कानून बनाएगी। महबूबा ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले में कानून को बाधित नहीं होने देगी और बच्ची के साथ इंसाफ होगा।
उन्होंने कहा कि एक समूह के गैर-जिम्मेदाराना काम और बयानों से कानून को बाधित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। जांच तेजी से चल रही है और इंसाफ किया जाएगा। हम एक नया कानून लाएंगे जिसमें बच्चियों के साथ यौन शोषण करने वालों के लिए मौत की सजा अनिवार्य होगा ताकि इस मासूम बच्ची का मामला इस तरह का आखिरी मामला रह जाए।
क्या है मामला
नाबालिग पीड़िता का शव 17 जनवरी को कठुआ के रसाना जंगलों से बरामद हुआ था। वह एक सप्ताह से लापता थी। घटना के मुख्य आरोपी सनज रामठे, उसके बेटे विशाल, सब इंपेक्टर आनंद दत्ता और दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स दीपक खजूरिया और सुरेंदर वर्मा, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और परवेश कुमार पर हत्या, रेप और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई दिन तक बंदी बनाए रखने के दौरान घायल बच्ची से कई बार रेप किया गया। यही नहीं, आरोप है कि मामले की जांच कर रहे विशेष पुलिस अधिकारी खजूरिया ने बच्ची की हत्या किए जाने से इसलिए रोका क्योंकि वह भी पहले रेप करना चाहता था। रेप के बाद शव क्षत-विक्षत कर फेंक दिया।