भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी मिलिंद एकबोटे को पुणे की जिला अदालत ने जमानत दे दी है। उन्हें यह जमानत 25 हजार रुपये का बांड भरने के बाद दी गई है। एकबोटे महाराष्ट्र के बड़े दक्षिणपंथी नेता हैं।
भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के बाद अनिता सावले नाम की महिला की शिकायत पर पिंपरी पुलिस थाने में संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे पर 2 जनवरी को मामला दर्ज हुआ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एकबोटे की जमानत खारिज करने के बाद करीब ढाई माह बाद पुणे ग्रामीण पुलिस ने 14 मार्च को एकबोटे को गिरफ्तार किया था। उसके बाद उनकी रवानगी येरवडा सेंट्रल जेल में की गई थी।
Milind Ekbote an accused in Bhima Koregaon violence has been granted bail on a bond of Rs. 25,000 by Pune session court. #Maharashtra
— ANI (@ANI) April 19, 2018
बता दें कि एक जनवरी को पुणे में दलित समुदाय भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह मना रहे थे। कार्यक्रम में संभाजी और एकबोटे के समर्थकों ने हमला किया, जिसमें एक दलित व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए। इसी घटना के बाद दलित संगठनों ने दो दिनों तक मुंबई समेत राज्य के अन्य इलाकों में बंद बुलाया जिसके दौरान फिर से तोड़-फोड़ हुई। 56 वर्षीय मिलिंद एकबोटे का पूरा परिवार आरएसएस से जुड़ा है। एकबोटे 1997 से लेकर 2002 तक भाजपा का पार्षद रहे हैं। 2002 में टिकट न मिलने से उन्होंने निर्दलीय जीते। हालांकि 2007 के चुनाव में वह प्रदर्शन दोहरा नहीं सके और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से ही वे हिंदू एकता मंच नाम का संगठन चला रहे हैं।
एकबोटे ने 2014 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। एकबोटे पर दंगा, अतिक्रमण, आपराधिक धमकी और दो समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने के प्रयासों के कुल 12 मामले दर्ज हैं। उसमें से पांच मामलों में दोषी भी साबित हो चुके हैं।