ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद दुनियाभर में हड़कंप मचा है। बताया जा रहा है कि कोरोना का यह म्यूटेशन रूप 70 प्रतिशत ज्यादा तेजी से संक्रमित कर सकता है जिसके चलते यूरोप के बाद अब भारत सरकार ने भी ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स को 22 दिसंबर की रात 12.00 बजे से लेकर 31 दिसंबर रात 12.00 बजे तक के लिए रोक दिया है। वहीं, कोरोना के नए स्ट्रेन को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस के नए संस्करण के संदर्भ में मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है।
ताजा दिशा निर्देशों के तहत कहा है कि राज्य सरकार ये तय करें की यूके से आनेवाले यात्रियों का आरटी पीसीआर टेस्ट हुआ हो। वहीं पॉजिटिव पाए जाने पर आरटी पीसीआर टेस्ट लैब से करवाएं। जो यात्री पॉजिटिव पाए जाते हैं उन्हें इंस्टिट्यूशनल आइसोलेशन फैसिलिटी में अलग रखा जाए। इसके लिए अलग से व्यवस्था हो. इनका सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में या किसी लैब में भेज कर जियोनोमिक सिक्यूेनसिंग करवाएं।
अगर रिपोर्ट में आता है कि संक्रमण वाला वायरस वही है, जो भारत में पहले से है तो भारत में ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत ही इलाज हो। गंभीर ना होने पर होम आइसोलेशन या फैसिलिटी लेवल पर ट्रीटमेंट हो।
अगर जियोनोमिक सिक्यूेनसिंग टेस्ट में पाया जाता है कि सॉर्स कोविड-नया वेरिएंट है तो मरीज अलग आइसोलेशन यूनिट में ही रहेगा। प्रोटोकॉल के मुताबिक ट्रीटमेंट होगा. पॉजिटिव होने के 14 दिनों बाद दोबारा आरटी पीसीआर टेस्ट होगा। अगर सैंपल 14वें दिन पॉजिटिव पाया जाता है, तो आगे का नमूना तब तक लिया जा सकता है, जब तक कि उसके दो लगातार 24 घंटे अलग किए गए नमूनों का टेस्ट नेगेटिव न हो जाए।
जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, एयरपोर्ट पर उन्हें सलाह दी गई है कि वे होम क्वारंटाइन में रहें। संबंधित एयरलाइंस यह तय करेगी कि चेक-इन से पहले, यात्री को इस एसओपी के बारे में समझाया जाए।
बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रेन काफी तेजी से फैल रहा है। इस पर काबू करने के लिए ब्रिटेन में लॉकडाउन लगा दिया गया है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ब्रिटेन में पाया गया कोरोना का नया स्ट्रेन अभी कंट्रोल से बाहर नहीं है और इसपर मौजूदा उपायों के जरिए काबू पाया जा सकता है।