बुलंदशहर में सोमवार को अवैध बूचड़खानों को लेकर हुए बवाल के दौरान चली गोली से स्याना के पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि स्याना के एक गांव में कथित तौर पर गौहत्या के शक में गुस्साए प्रदर्शनकारी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इसे लेकर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बहस भी हुई, जिसके बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इसी पथराव को रोकने के लिए इंस्पेक्टर सुबोध अपनी टीम के साथ पहुंचे और भीड़ को कंट्रोल करने के लिए हवाई फायरिंग की। फायरिंग से भीड़ और भड़क गई और बदले में चली गोली ने इंस्पेक्टर सुबोध की जान ले ली।
पहले भी कई ऐसी घटनाएं घटी हैं, जब कानून के रखवालों पर कानून हाथ में लेने वाले भारी पड़ गए...
डीएसपी जियाउल हक- मार्च 2013
2 मार्च 2013 को उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ में डीएसपी जिया उल हक की हत्या कर दी गई। जानकारी के अनुसार, कुंडा में बवाल के दौरान के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान कुछ लोगों ने पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एसपी मुकुल द्विवेदी- जून 2016
जून 2016 को मथुरा में दो पुलिसकर्मी भीड़ के गुस्से का शिकार हुए। जानकारी के अनुसार मथुरा के जवाहर बाग में कथित तौर पर सत्याग्रहियों को हटाने गई पुलिस पर आंदोलनकारियों ने गोलियां और पत्थर बरसाए। इसमें एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसएचओ संतोष कुमार की मौत हो गई।
गुरदासपुर कांड- जुलाई 2015
पंजाब के गुरदासपुर में 27 जुलाई 2015 में अज्ञात हमलावरों ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया। वे अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे, जिससे चार पुलिसवालों, जिनमें एक एसपी भी शामिल थे, की जान चली गई। बाद में पुलिस एनकाउंटर में तीनों ही हमलावरों की मौत हो गई। पुलिस पर हमले को खालिस्तान की मांग से देखकर जोड़ा जाता रहा, हालांकि गुरदासपुर कांड का कोई सुराग नहीं मिल सका।
दो पुलिसकर्मियों पर कुदाल से हमला- सितंबर 2018
मध्यप्रदेश के भिंड में पुलिस पर हमले की खौफनाक वारदात हाल ही में सामने आई है। 11 सितंबर 2018 को भिंड के ऊमरी थाने में एक व्यक्ति ने पुलिसकर्मियों पर कुदाल से हमला कर दिया। हमले में दो पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक पुलिसकर्मी अब भी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है।