क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार सख्ती के मूड में नजर आ रही है। मोदी सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 26 नए बिल को पेश कर सकती है। सरकार ने लोकसभा में जिन नए बिलों को पेश करने के लिए सूचिबद्ध किया है, उनमें क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने का बिल भी शामिल है। हालांकि, क्रिप्टो करेंसी तकनीक के उपयोग को लेकर सरकार कुछ ढील भी दे सकती है. साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेने का बिल भी सरकार संसद में पेश करेगी।
पीएम मोदी ने 18 नवंबर को सभी लोकतांत्रिक देशों से साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि वे क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में ना जाने दें, अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। उन्होंने डिजिटल क्रांति से उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए समान सोच वाले देशों के एकजुट होने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित ‘‘सिडनी संवाद’’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डाटा ‘‘नए हथियार’’ बन रहे हैं और यह देशों की पसंद पर निर्भर करेगा कि वह प्रौद्योगिकी के सभी शानदार साधनों का उपयोग सहयोग के लिए करते हैं या संघर्ष के लिए, बल द्वारा शासन के लिए करते हैं या पसंद के अनुरूप, प्रभुत्व के लिए करते हैं या विकास के लिए। पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’’
तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं। अब संसद सत्र के दौरान सरकार एक बिल के ज़रिए तीनों कानूनों को रद्द करने की तैयारी कर चुकी है। बिल को कल कैबिनेट की मंज़ूरी मिल सकती है और शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन यानी 29 नवंबर को लोकसभा में इसे पेश किए जाने की संभावना है। इस सत्र में बिजली से जुड़ा विधेयक भी सरकार पेश करेगी, जिसका किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं।