केंद्र की मोदी सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशन पाने वालों को दिवाली का तोहफा दिया है। गुरुवार को कैबिनेट ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन पाने वालों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में तीन फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस फैसले से 47.14 लाख कर्मचारियों और 68.62 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इससे हर साल सरकारी खजाने पर 9488.74 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। यह वृद्धि एक जुलाई 2021 से लागू होंगी। इस बढ़ोतरी के बाद महंगाई भत्ता और राहत बढ़कर 31 प्रतिशत हो गया है। जनवरी 2020 में महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ा था। फिर जून 2020 में 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और जनवरी 2021 में यह 4 फीसदी बढ़ा। हालांकि, कोरोना की वजह से सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक के तीन महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी को फ्रीज कर दिया था। जुलाई में सरकार ने इस रोक को हटा दिया था और कर्मचारियों को 28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है।
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में साल में दो बार इजाफा होता है। अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18 हजार रुपये है तो उसे महंगाई भत्ते के तौर पर अभी 5,040 रुपये मिल रहे हैं। ये रकम मूल वेतन का 28 फीसदी है। डीए में 3 फीसदी इजाफे के बाद कर्मचारी को डीए के तौर पर 5,580 रुपये मिलेंगे। यानी इसमें 540 रुपये का इजाफा होगा। मूल वेतन बढ़ने से महंगाई भत्ते की कुल रकम में भी बढ़ोतरी हो जाएगी। यह बढ़ोतरी सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।
हाल में लेबर मिनिस्ट्री ने जून, जुलाई और अगस्त के अखिल भारतीय उपभोक्ता सूचकांक के आंकड़े जारी किए थे। अगस्त में जारी हुए इंडेक्स से पता चला कि वह 123 अंक पर पहुंच चुका है। यह इंडेक्स जितना ज्यादा ऊपर बढ़ता है, उससे महंगाई का स्तर बढ़ने का संकेत मिलता है। इसी के आधार पर केंद्र सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का ऐलान करती है।