Advertisement

मध्य प्रदेश: पत्थरबाजी की परंपरा निभाने के दौरान 259 लोग घायल, प्रशासन पर भी फूटा लोगों का गुस्सा

मध्य प्रदेश में अपने प्यार के लिए जान देने वाले प्रेमी युगल की याद में मंगलवार को पत्थरबाजी की परंपरा निभाई गई, जिसमें 259 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से चार की हालत गंभीर है।
मध्य प्रदेश: पत्थरबाजी की परंपरा  निभाने के दौरान 259 लोग घायल, प्रशासन पर भी फूटा लोगों का गुस्सा

बता दें कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में आयोजित इस वार्षिक आयोजन को ‘गोटमार मेला’ कहा जाता है। राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी जाम नदी के किनारे मंगलवार को आयोजित विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले में जमकर उपद्रव हुआ। झंडे की पूजा के बाद जैसे ही गोटमार मेले की शुरुआत हुई पांढुर्णा और सावरगांव के लोगों ने पत्थर इकट्ठा करने शुरू कर दिए। हालांकि पुलिस की तमाम कोशिश के बाद भी दोनों गावों के लोगों ने पत्थरबाजी की और मेले में खूनी संघर्ष हुआ। मेले में हुए इस खूनी संघर्ष में दोनों पक्ष के करीब 259 लोग घायल हुए। इलाज की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण लोगों का गुस्सा प्रशासन पर भी फूटा और उन्होंने एंबुलेंस में भी तोड़फोड़ की।

हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा के भारी बंदोबस्त के साथ मेला क्षेत्र में धारा 144 लगा दी, उसके बाद भी पत्थरबाजी नहीं रुक पाई। पुलिस ने दोनों गांव की आपसी सहमती से शाम को मेले को खत्म कर दिया।

क्या है गोटमार मेला?

गोटमार मेले का आयोजन मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा कस्बे में हर साल आयोजित किया जाता है। इस मेले का आयोजन भादो महीने के कृष्ण पक्ष में अमावस्या के दूसरे दिन किया जाता है। इस क्षेत्र में मराठी भाषा बोलने वाले लोगों की बहुलता है। मराठी भाषा में गोटमार का मतलब पत्थर मारना होता है। इस मेले में सुबह से लेकर शाम सूर्य अस्त होने तक दोनों गांव के लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं। इसमें हर साल कई लोग घायल होते हैं, वहीं पथराव में कुछ लोगों की मृत्यु के मामले भी सामने आ चुके हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad