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थाने में दुर्व्यवहार पर सांसद नवनीत राणा ने लिखा पत्र, लोकसभा सचिवालय ने आरोपों पर महाराष्ट्र सरकार से 24 घंटे में मांगी रिपोर्ट

महाराष्ट्र लाउस्पीकर को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर को...
थाने में दुर्व्यवहार पर सांसद नवनीत राणा ने लिखा पत्र, लोकसभा सचिवालय ने आरोपों पर महाराष्ट्र सरकार से 24 घंटे में मांगी रिपोर्ट

महाराष्ट्र लाउस्पीकर को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर उद्धव सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं। लोकसभा सचिवालय ने आरोपों के बाद सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से 24 घंटे के भीतर विस्तृत जानकारी मांगी है। नवनीत राणा और उनके विधायक-पति रवि राणा को शनिवार को मुंबई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने संबंधी आह्वान करने के बाद गिरफ्तार किया गया था। राजद्रोह दंपति पर राजद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर अपने साथ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में दुर्व्यवहार की शिकायत की थी। सांसद ने 9 पॉइंट का एक मेल लोकसभा कार्यालय को किया था।र इस बारे में लोकसभा सचिवालय ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इस बारे में 24 घंटे में जवाब देने के लिए कहा है।

सांसद नवनीत राणा ने लिखा मुझे 23 अप्रैल 2022 को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पूरी रात मैंने पुलिस स्टेशन में बिताई। मैं पूरी रात पीने के लिए पानी मांगा, लेकिन मुझे पानी तक नहीं दिया गया। उन्होंने लिखा, मुझे हैरानी तब हुई, जब पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति से हूं, लिहाजा वह उस ग्लास में मुझे पानी नहीं देंगे। मुझे सीधे तौर पर जाति के आधार पर गाली दी गई और मुझे पीने के लिए पानी नहीं दिया गया।

उन्होंने लिखा, यह मेरा सच्चा विश्वास है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना स्पष्ट कारणों से अपने स्पष्ट हिंदुत्व सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक गई, क्योंकि वह सार्वजनिक जनादेश को धोखा देना चाहती थी और कांग्रेस-एनसीपी के साथ चुनाव के बाद गठबंधन बनाना चाहती थी। मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ को फिर से जगाने की सच्ची आशा के साथ घोषणा की थी कि मैं मुख्यमंत्री के आवास पर जाऊंगी और उनके आवास के बाहर "हनुमान चालीसा" का जाप करूंगी। यह किसी धार्मिक तनाव को भड़काने के लिए नहीं था। वास्तव में, मैंने मुख्यमंत्री को "हनुमान चालीसा" के जाप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। मेरी गतिविधि मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं थी। हालांकि, इस तथ्य को देखते हुए कि मेरी गतिविधि मुंबई में कानून और व्यवस्था की स्थिति के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं, मैंने हनुमान चालीसा पढ़ने की जिद छोड़ दी।

सीसद ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर, मुंबई पुलिस ने बिना किसी नोटिस के 23.अप्रैल को शाम 4.30 बजे मुंबई में मेरे घर में घुसकर मुझे और मेरे पति को अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, जो सबसे अधिक चौंकाने वाला और परेशान करने वाला है  वह यह है कि मेरे साथ पुलिस स्टेशन में व्यवहार। मुझे फिर से सबसे गंदी भाषा में गाली दी गई और इस आधार पर कई गालियां दी गईं कि मैं अनुसूचित जाति का हूं।

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