दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में ऑटो ड्राइवर और उसके बेटे से हुई मारपीट का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने मामले में दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी। कोर्ट में इसे लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में ऑटो चालक सरबजीत सिंह और उनके नाबालिग बेटे के साथ कथित पुलिस बर्बरता की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी।
इस मामले में गैर-जिम्मेदाराना रवैए के कारण तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामला दिल्ली के मुखर्जी नगर का है, जहां रविवार को पुलिसकर्मियों की बुजुर्ग सिख ऑटो चालक से किसी बात पर विवाद हुआ। झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि ऑटो चालक ने पुलिसकर्मी पर कृपाण से हमला कर दिया, जिसमें उसे चोट लग गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इसके बाद पुलिस वाले जमा हो गए और उन्होंने आधे घंटे तक ऑटो चालक और उसके बेटे की पिटाई की। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद राजनीति गर्मा गई। सोमवार को मामले में एक नया वीडियो सामने आया, जिसमें भीड़ शालीमार पुलिस स्टेशन के एसीपी केजी त्यागी पर भीड़ हमला करती नजर आ रही है।
दोनों तरफ से लगे आरोप
सोमवार को 45 साल के सरबजीत सिंह और उनके 16 वर्षीय बेटे बलवंत सिंह ने मीडिया से बातचीत की। दोनों यह बताते हुए रो पड़े कि थाने में उन्हें किस कदर पीटा गया। बलवंत सिंह ने कहा कि पुलिसकर्मी हमें थाने में ले गए। उनमें से एक ने अपने साथी को आदेश दिया कि सीसीटीवी कैमरा बंद कर दे। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने हमें बेरहमी से पीटा।
बलवंत सिंह ने कहा कि एक पुलिसवाले ने बंदूक से उसके सिर पर वार किया। उसने कहा, ''पहले उन्होंने मेरे चेहरे पर कई मुक्के मारे। बाद में बंदूक का हत्था मेरे सिर पर मारा। मुझे लगा जैसे मैं कोई आतंकवादी हूं, जिससे पूछताछ हो रही है।'' वहीं पुलिसवालों का कहना है कि ड्राइवर और उसके बेटे ने पुलिसकर्मियों पर तलवार से हमला किया। घटना के बाद थाने के बाहर भारी विरोध-प्रदर्शन किया गया, जिसके मद्देजनर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। बीजेपी व आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों के अलावा निवासियों और सिख समुदाय के सदस्यों ने थाने के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।