मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सीबीआई की फॉरेंसिक टीम शनिवार को बालिका गृह पहुंची। इस दौरान सीबीआई की टीम मजिस्ट्रेट के समक्ष बालिका गृह के बंद कमरों की तलाशी ले रही है।
ब्रजेश ठाकुर के बेटे राहुल आनंद को सीबीआई टीम ने बालिका गृह बुलाया। सीबीआई के कई अधिकारी बालिका गृह परिसर की जांच में जुटे हैं। बालिका गृह में फिर से खुदाई के लिए जेसीबी मशीन भी लाई गई है। इससे पहले भी एक बार पुलिस ने कैंपस में जेसीबी का इस्तेमाल किया था।
मामले में पहली बार सीबीआई बालिका गृह को खंगाल रही है। इसके लिए सीबीआई ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) से विशेषज्ञों की एक टीम भी बुलाई है। यौन शोषण का मामला दर्ज होने और ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बालिका गृह के कमरों को पुलिस ने सील कर दिया था।
फॉरेंसिक विशेषज्ञों को बुलाने का मकसद कमरों की बारीकी से छानबीन करना और अभियुक्तों के खिलाफ सबूत जुटाना है। इस तलाशी के दौरान महिला थाना अध्यक्ष ज्योति को भी बुलाया गया है। इस रेप कांड की जांच की जिम्मेदारी मिलने के बाद सीबीआई ने अभी तक बालिका गृह का दौरा नहीं किया था।
राज्य सरकार प्रायोजित इस बालिका गृह का संचालन कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति करता था। साहु रोड स्थित इसी कैंपस में ब्रजेश ठाकुर का घर और उसका प्रिंटिंग प्रेस भी है। फिलहाल उसके परिवार के सारे लोग इस कैंपस को छोड़ चुके हैं।
मामले की जांच कर रही सीबीआई मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को रिमांड पर लेने की तैयारी भी कर रही है। रिमांड के लिए अदालत में आवेदन देने से पहले सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर की मेडिकल रिपोर्ट मंगवाई है। जल्द ही मुजफ्फरपुर लोकल कोर्ट में रिमांड के लिए जरूरी दस्तावेज जमा कराए जाएंगे। बालिका गृह रेप केस सामने आने के बाद ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर पुलिस ने 3 जून को गिरफ्तार किया था। इसके बाद महज पांच दिन ही जेल के वार्ड में रहकर वह अस्पताल में भर्ती हो गया।
मामले में ठाकुर के एनजीओ की सात महिलाकर्मियों समेत कुल 10 लोग गिरफ्तार किए गए थे। पुलिस इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इससे पहले बिहार पुलिस की जांच टीम ने लड़कियों के कमरों से नशे की दवाइयां और इंजेक्शन बरामद किया था। वहीं, कोर्ट में पेशी के दौरान ब्रजेश ठाकुर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया था।