लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब अयोध्या के बाद नाथ नगरी बरेली को भव्य, नव्य व दिव्य बनाने की बरेली विकास प्राधिकरण ने तैयारी शुरू कर दी है। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने बरेली की आधुनिकता के साथ नाथ नगरी की आध्यात्मिक विरासत को समाहित करते हुए नाथ नगरी कॉरिडोर का विशेष डिजाइन तैयार किया है।
बरेली के प्रमुख मार्गों पर नाथ द्वार बनाये जा रहे हैं। शिव के शुभ पवित्र प्रतीक को पत्थर के यूनिपोल पर सुशोभित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त शहर के मुख्य पांच चौराहों पर शिव के शुभ संकेत और प्रतीकों को भी स्थापित किया जाएगा। इससे पूरे शहर में शिवमय आभा प्रदर्शित होगी। डेलापीर तिराहे को त्रिवटी नाथ और डोहरा रोड पर बने द्वार को बनखंडी नाथ के नाम से विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बीडीए ने टीडीआर नीति के तहत मुख्य मार्गों को विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। 32.5 किमी के नाथ नगरी कारिडोर के मार्गों के अतिरिक्त शहर के अन्य नाथ सर्किट से जुड़े मुख्य मार्गों को विकसित किया जा रहा है। इससे उनका व्यावसायिक उपयोग किया जा सके। इससे बीडीए और नगर निगम की आय में वृद्धि होगी साथ ही पूरी नगरी का सर्वांगीण विकास होगा। डिजिटल और आध्यात्मिक टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा सके।
चौकी चौराहा समेत शहर के कई चौराहों पर लगेंगे शिव के पवित्र और शुभ प्रतीक :
बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि नाथ नगरी के सौंदर्यीकरण के साथ ही दिव्य रूप देने के लिए शिव के शुभ प्रतीकों में डमरू, त्रिशूल, नटराज, नंदी, त्रिपुंड और त्रिनेत्र तैयार किए गए हैं। डोहरा रोड और बदायूं रोड पर लाल फाटक के पास नाथ द्वार बनाया जाएगा। इसके अलावा डेलापीर तिराहा और नैनीताल रोड पर भी नाथ द्वारों का निर्माण होगा। चौकी चौराहा, सेटेलाइट, बरेली जंक्शन, इज्जतनगर रेलवे स्टेशन और प्रेमनगर चौराहे पर यूनिपोल लगाकर शिव के शुभ प्रतीक चिन्हों को सुशोभित किया जाएगा।
शहर में प्रवेश करते ही आकर्षित करेगी नाथ नगरी की आध्यात्मिक आभा :
बरेली विकास प्राधिकरण के सचिव योगेंद्र सिंह ने बताया कि शहर में प्रवेश करते ही नाथ नगरी की आध्यात्मिक आभा आकर्षित करेगी। नाथ नगरी की आध्यात्मिक विरासत के साथ आधुनिकता और स्मार्ट सिटी का सामंजस्य देखने को मिलेगा। इसको लेकर बरेली विकास प्राधिकरण ने डोहरा रोड पर बनखंडी नाथ द्वार का निर्माण किया है। इससे पूर्व अलखनाथ, मढ़ीनाथ, तपेश्वर नाथ और धोपेश्वर नाथ द्वार निर्मित किया जा चुके हैं। डेलापीर तिराहे पर भी अब त्रिवटी नाथ द्वार का निर्माण कराया जा रहा है। इसके प्रस्ताव प्राधिकरण बोर्ड से स्वीकृत करवाकर निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। महा शिवरात्रि से पूर्व इनको स्थापित कराने की तैयारी है।
नाथ विचारधारा से मार्गों एवं नाथ मंदिरों का होगा कायाकल्प :
नाथ नगरी कॉरिडोर के आर्किटेक्ट सुमित अग्रवाल ने बताया कि बरेली को शिवमय बनाकर आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की अवधारणा है। इसके साथ ही नाथ नगरी कारिडोर के मुख्य मार्गों का व्यवसायिक उपयोग कर आर्थिक उत्थान को बढ़ावा दिया जायेगा। नाथ द्वार पर दैदीप्यमान सूर्य किरणे एवं उस पर सुशोभित शिव प्रतीक युवा पीढ़ी को उसकी सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराएंगे।
नाथनगरी कॉरिडोर में मुख्यमंत्री के निर्देश पर जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही तेज हो गई है। टीडीआर पॉलिसी के तहत सभी मुख्य मार्गों को विकसित किया जा रहा है। जिससे इसका व्यावसायिक उपयोग कर नाथ नगरी कॉरिडोर में उपयोग कर सकें।